tag:blogger.com,1999:blog-6769924128104635089.post631645469625898856..comments2023-11-05T03:15:13.400-08:00Comments on (विचारों का चबूतरा ): सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा राहुल गाँधी की अनर्गल आलोचनाShikha Kaushikhttp://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6769924128104635089.post-67950277767380727012012-03-12T06:27:39.035-07:002012-03-12T06:27:39.035-07:00भाषा गत शालीनता विमर्श की पहली शर्त है लेकिन एक फल...भाषा गत शालीनता विमर्श की पहली शर्त है लेकिन एक फलसफा और है -आप सड़क पर चले जा रहें हैं ,पीछे से आवाज़ आती है 'देखो बुद्धू 'आप पीछे मुडके देखते ही क्यों है ?आप तो बुद्ध है नहीं .लेकिन यदि आप देखतें हैं तो मतलब यह लगाया जा सकता है आप ऐसा कहलाये जाने के पात्र हैं .<br /><br />बहर सूरत ,मंद मतिबालक ,कागभगोड़ा और 'मम्मीजी ',राष्ट्री रो -बोट' ,राष्ट्रीय बन्दर 'इस दौर के कुछ प्रतीक ज़रूर बन चलें हैं .इससे इनकार कैसे कीजिएगा ?बुद्धू माने वह जो आप कह बूझ रहीं हैं यह सब कैसे जानतें हैं ???.आपके पूरे वक्तव्य में एक विरोधाभास है .कलाम साहब और बाजपाई जी और विपरीत लिंगी लता जी को भी आप विमर्श में घसीट लाई.तर्केतर बात है यह .प्रजा तंत्र में नेम कालिंग का रिवाज़ है .हम तो पैसे देतें हैं फिर भी हमारा कोई नाम ही नहीं रखता, रखेगा तो बुरा नहीं मानेंगे ,कुछ दे ही रहा है ले तो नहीं रहा न .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6769924128104635089.post-73493768221720432872012-03-12T06:22:11.737-07:002012-03-12T06:22:11.737-07:00भाषा गत शालीनता विमर्श की पहली शर्त है लेकिन एक फल...भाषा गत शालीनता विमर्श की पहली शर्त है लेकिन एक फलसफा और है -आप सड़क पर चले जा रहें हैं ,पीछे से आवाज़ आती है 'देखो बुद्धू 'आप पीछे मुडके देखते ही क्यों है ?आप तो बुद्ध है नहीं .लेकिन यदि आप देखतें हैं तो मतलब यह लगाया जा सकता है आप ऐसा कहलाये जाने के पात्र हैं .<br /><br />बहर सूरत ,मंद मतिबालक ,कागभगोड़ा और 'मम्मीजी ' 'इस दौर के कुछ प्रतीक ज़रूर बन चलें हैं .इससे इनकार कैसे कीजिएगा ?बुद्धू माने वह जो आप कह बूझ रहीं हैं यह सब कैसे जानतें हैं .आपके पूरे वक्तव्य में एक विरोधाभास है .कलाम साहब और बाजपाई जी और विपरीत लिंगी लता जी को भी आप विमर्श में घसीट लाई.तर्केतर बात है यह .प्रजा तंत्र में नेम कालिंग का रिवाज़ है .हम तो पैसे देतें हैं फिर भिओ हमारा koi नाम ही नहीं रखता रखेगा तो बुरा नहीं मानेंगे ,कुछ दे ही रहा है ले तो नहीं रहा न .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6769924128104635089.post-16014495248010532342012-03-11T08:02:19.557-07:002012-03-11T08:02:19.557-07:00bhale hi rajniti ka kshetr ho bolne ke kuchh niyam...bhale hi rajniti ka kshetr ho bolne ke kuchh niyam to hone hi chahiye khas taur par swami ji jaise anargal pralap karne valon par.Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6769924128104635089.post-16443179351026199892012-03-11T06:50:23.824-07:002012-03-11T06:50:23.824-07:00गाफिल जी हैं व्यस्त, चलो चलें चर्चा करें,
शुरू रात...गाफिल जी हैं व्यस्त, चलो चलें चर्चा करें,<br />शुरू रात की गश्त, हस्त लगें शम-दस्यु कुछ । <br /><br />आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति <br />सोमवारीय चर्चा-मंच पर है |<br /><br />charchamanch.blogspot.comरविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com