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शुक्रवार, 27 जनवरी 2012

प्रभु नन्ही परी के जीवन को बचाएं !

ये  हैवानियत की पराकाष्ठा  है या अमर्यादित समाज की एक तस्वीर ?कई प्रश्न खड़े होते  हैं ऐसी खबर पढ़कर -[ ]से   साभार   ]-
''नई दिल्ली।। एम्स में मौत से जूझ रही दो साल की बच्ची की मदद के लिए दिल्ली सरकार आगे आई है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि बच्ची की हरसंभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा, रिपोर्ट आने दीजिए। हम वह सब करेंगे, जिसकी जरूरत है।'गौरतलब है कि एम्स में भर्ती कराई गई दो साल की इस बच्ची के सिर में चोट से ब्रेन के महत्वपूर्ण हिस्से डैमेज हो चुके हैं। चेहरे पर गर्म प्रेस से दागने जैसे निशान हैं। दोनों हाथों में फ्रैक्चर है और पूरे शरीर पर इंसान के काटने के निशान हैं। बच्ची को तीन बार दिल का दौरा पड़ चुका है। उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि उसके बचने की संभावना 50% ही है। उसका इलाज कर रहे न्यूरोसर्जन डॉ. दीपक अग्रवाल ने कहा कि वह एम्स के न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट की आईसीयू में ऐडमिट है और वेंटिलेटर पर है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खुद को इस बच्ची का मां बताने वाली एक 15 साल की लड़की ने इसे अस्पताल में भर्ती कराया था। उसने बताया था कि बच्ची बिस्तर से गिर कर घायल हुई है। हालांकि, डॉक्टर ने उसके इस दावे को झूठा बताया है, क्योंकि बच्ची के शरीर पर गहरे जख्म हैं। इस बच्ची के पूरे शरीर पर काटने के निशान हैं। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार खुद को इस बच्ची की मां बताने वाली नाबालिग लड़की पिछले साल कथित तौर पर एक लड़के के साथ भाग गई थी। वह संगम विहार इलाके में रह रही थी और यह बच्ची पिछले 20 दिनों से उसके साथ थी। 

दक्षिणी दिल्ली की पुलिस उपायुक्त छाया शर्मा ने बताया कि इस सिलसिले में अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 363 (अपहरण), 317 (12 साल से कम उम, के बच्चे को बेसहारा छोड़ना),324 और 325 (जख्म से संबंधित) के तहत मामला दर्ज किया गया है''
                                 इस समय  तो  केवल प्रभु  से यही  प्रार्थना की जा सकती है कि इस नन्ही परी के जीवन को बचाएं .
                                     शिखा कौशिक 

मंगलवार, 24 जनवरी 2012

राष्ट्रीय मतदाता दिवस


राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर आप सभी से ये निवेदन है कि अपने वोट के अधिकार का प्रयोग करें .हम सौभाग्यशाली हैं जो हमें ये अधिकार मिला है .विशेष रूप से भारत की महिलाएं .विश्व के अनेक देशों में आज भी महिलाओं को वोट करने का अधिकार नहीं है .इस लिए सजग होकर इस अधिकार का प्रयोग करें -






वोट डाल ले ...वोट डाल ले ..
अब के इलेक्शन में वोट डाल ले .


सबसे जरूरी ये काम जान ले ;
कर न बहाना ये बात मान ले ;
वोट डाल ले ...वोट डाल ले .


वोटिंग  का  दिन  है  ये छुट्टी  नहीं 
इससे  बड़ी कोई ड्यूटी नहीं ;
चल बूथ  पर  वोटर  कार्ड साथ ले ;
वोट डाल ले .....


दादा चलें संग दादी चले ;
भैया के संग संग भाभी चले 
घर घर से वोटर साथ ले 
वोट डाल ले .......


हमको मिला मत का अधिकार ;
चुन सकते मनचाही सरकार ;
लोकतंत्र का बढ़ हाथ थाम ले .
वोट डाल ले .......


साइकिल से जा या रिक्शा से जा ;
कार से जा या स्कूटर से जा ;
कुछ न मिले  पैदल भाग ले 
वोट डाल ले .......


कैसा हो M .P .....M .L .A ?
तुझको ही करना है ये निर्णय ;
एक वोट डाल कर मैदान मार ले .
वोट डाल ले .....
                                          जय हिंद !
                           शिखा कौशिक 
               [नेता जी क्या कहते हैं ]





शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

बहुत अफ़सोस


दिल्ली भारत का वह राज्य   है जहाँ की मुख्य मंत्री एक महिला हैं .उस  राज्य में ऐसा होता  है तो बहुत अफ़सोस की बात  है .महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस विभाग में महिला सेल की स्थापना की गयी थी पर जब महिला पुलिसकर्मी  के साथ उसके कार्यस्थल पर  ही  ऐसा  हो जाये तो ''सलट  वॉक ''का समर्थन  करने पर हमारी आलोचना करने वाले पुरुषों को कहीं  मुंह  छिपा  लेना  चाहिए .''यह घटना सोमवार रात कालकाजी पुलिस स्टेशन मेंहुई। कालकाजी थाने में तैनात नवनियुक्त लेडीकॉन्स्टेबल रात में ड्यूटी पर थी। एसएचओ राणाअपने रेस्ट रूम में थे। लेडी कॉन्स्टेबल के मुताबिक एसएचओ ने उसे बहाने से अंदर बुलायाऔर छेड़छाड़ की। किसी तरह बचकर वह बाहर निकली। पुलिस सूत्रों के मुताबिक वह बदहवासहालत में बाहर आई थी।''[नव- भारत टाइम्स से साभार ]
                  स्त्री को मात्र एक देह मानने वाले पुरुष वर्ग की नैतिकता कुछ मिनटों में कैसे रसातल  में समां जाती है ऐसी घटनाएँ इसकी गवाह है .दोषी पुलिसकर्मी को कड़ी सजा दी जानी चाहिए इसके अतिरिक्त और क्या कहा जा सकता है ?
                                         शिखा कौशिक 
                        [विचारों का चबूतरा ]


मंगलवार, 10 जनवरी 2012

कुत्तों की प्रार्थना !

कुत्तों  की प्रार्थना !

[गूगल से साभार ]


[एक खबर -(स्मारकों से पकडे जायेंगें  कुत्ते -{आगरा}राष्ट्रीय सहारा;पेज ९ -१०-1-२०१२ ]
इस खबर ने कुत्तों में खलबली मचा दी .सड़क पर अलाव सेकते भूरे रंग का कुत्ता कुछ मुंह बनाता सा बोला -''......भाई कुछ भी कहो ये अन्याय है .एक तो हमें खामख्वाह में आवारा कहकर ज़लील करते हैं और अब हमारे पुरखों से मिली संपत्ति स्मारकों से हमें बेदखल करने की साजिश  रच रहे हैं ''......काली कुतिया जम्हाई लेती हुई बोली -''...सत्यानाश हो इस पुरातत्व विभाग का ....कालू बबुआ अख़बार में पढ़कर आया है कि ताजमहल ;आगरा किला ;सिकंदर;एत्माद्दौला ,चीनी का रोजा,मेहताब बाग ....सब जगह से पकड़ेंगें हमें ...ससुरों पर भ्रष्टाचार करने वाले तो पकडे नहीं जाते और चले हमें पकड़ने .कहते हैं हम गंदगी फैलाते हैं ...खुद को देखा है कभी इन्सान ने जहाँ चाहे वही थूक देता है ...जबकि जगह-जगह इनके लिए थूकदान-पीकदान रखे रहते हैं ...'' ''...अरी चुप कर इन्सान के बारे में कौन कुत्ता नहीं जानता और क्या नहीं जानता ?सड़क हो या गली का कोना जहाँ देखों लघु शंका करने लग जाता है और कहते हैं हम कुत्ते गंदगी फैलाते हैं !
...अरे हमारे लिए सार्वजानिक शौचालय  बनाकर देखो .......''सफ़ेद-काला कुत्ता यह कहकर अलाव की ओर मुंह करके बैठ गया . तभी एक किशोर कुत्ता समझदारी के साथ धीरे से बोला -''....चाचा जलकल विभाग ने तो ठीक किया जो वहां से हम कुत्तों को हटा दिया ..पानी के टेंक में गिरकर हमारे कई साथी मारे गए ....चलो कोई बात नहीं पर अब यहाँ से हमें पकड़ना .....और नाम दे दिया ''कुत्ता पकड़ो अभियान ''.....इन से कभी चोर नहीं पकड़ा जाता ,बन्दर नहीं पकड़ा जाता ,बिल्ली नहीं पकड़ी जाती ...यहाँ तक कि एक चूहा तक नहीं पकड़ा जाता पर सबसे पहले हमें ही पकड़ेंगे ...हद हो गयी ज्यादती  की भी ..घोर कलियुग है .ऊपर से कहते हैं हमने विदेशी पर्यटक को शिकार बनाया .ससुरी वो गोरी मेम मेरे पैर पर सेंडिल की हील रखकर आगे बढ़ रही थी ...दिए दो दांत मैंने भी गाड उसके पैर में ...क्या गलत किया ?पर उस दिन तगड़ी पिटाई हो गयी थी मेरी... तब से नफरत है मुझे इन्सान से ....साला देखता तक नहीं गलती किसकी और जान लेने पर हमारी उतारू .अब तो मैं किसी को गाली भी देता हूँ तो यही कहता हूँ .''.जा इन्सान बन जा ''. एक बूढा चिकना काला कुत्ता उदास स्वर में बोला ''.....बेटा यही तो इंसानियत है .इन्सान अपनी गलती देखता नहीं और हम कुत्तों को ''कुत्ता ''  ''आवारा '' कहकर अपमानित करता है .मैं तो दिन-रात बस भगवान से यही मांगता हूँ ''हे भगवान !किसी भी जन्म में मुझे इन्सान न बनाना .''उसके ये कहते ही सभी कुत्ते जोर से भोंकने लगे .


                                              शिखा कौशिक 
                               [विचारों का चबूतरा ]

रविवार, 1 जनवरी 2012

हिंदी तो दिल है हिंदुस्तान का

आज  नवभारत टाइम्स की वेबसाईट पर यह खबर पढ़कर बहुत दुःख हुआ .आखिर कब तक हमारी राष्ट्रभाषा  को ऐसे अपमानित होना होगा अपनों के बीच ?
''अहमदाबाद।। गुजरात हाई कोर्ट ने एक केस की सुनवाई दौरान कहा है कि हिंदी गुजरातियों के लिए विदेशी भाषा के सामान है। इस बात पर जोर देते हुए हाई कोर्ट ने यहां तक कहा कि गुजरात सरकार के प्राइमरी स्कूलों में भी गुजराती में ही शिक्षा दी जाती है ना कि हिंदी में। ''


               हिंदी भाषा के  सम्मान में प्रस्तुत है ये रचना -क्योंकि हिंदी किसी की दया से राष्ट्र भाषा के पद पर आसीन नहीं है .ये हिंदुस्तान का दिल है ...धड़कन है .स्वाधीनता संग्राम में पूरे देश को एक सूत्र में बांध देने की कोशिश गाँधी जी ने हिंदी में ही की थी और बंगाली बाबू नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जी ने भी बंगाली भाषा प्रेमियों की आलोचना को सहकर  हिंदी को ही राष्ट्रभाषा माना था क्योकि केवल हिंदी में ही वो दम है जो पूरे भारत को जोड़ सकती है .जो इसका अपमान करे  उसे कठोर दंड मिलना चाहिए ....





 हिंदी तो दिल है हिंदुस्तान का 
सित -तारा  भाषा आसमान  का 
ये है प्रतीक स्वाभिमान का 
क्या कहना हिंदी जबान का !


हिंदी में ही दस कबीर ने गाकर साखी जन को जगाया 
तुलसी सूर ने पद रच रच कर अपने प्रभु का यश है गाया  
हिंदी में ही सुमिरण करती मीरा  अपने श्याम  का 
क्या कहना हिंदी जबान का .......


हिंदी सूत्र में बांध दिया था गाँधी जी ने भारत सारा 
अंग्रेजों भारत को छोडो गूँज उठा था बस ये नारा 
इसको तो हक़ है सम्मान का 
क्या कहना हिंदी जबान का ......


इसकी लिपि है देवनागरी ;इसमें ओज है इसमें माधुरी 
आठ हैं इसकी उपबोली ;ऊख की ज्यों मीठी पोरी 
हिंदी तो अर्णव  है ज्ञान का 
क्या कहना हिंदी जबान का .


                          ''जयहिंद '
                               शिखा कौशिक