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मंगलवार, 25 मार्च 2014

आईये मिलते हैं श्री राहुल गाँधी जी से



यूं तो  राहुल गाँधी जी का जीवन एक खुली किताब की तरह है .स्व .श्री राजीव गाँधी जी व्  सोनिया गाँधी जी के सुपुत्र  राहुल जी का जन्म  19 जून  १९७० को  नईदिल्ली में हुआ .राहुल जी ने ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज  यूनिवर्सिटी [  यूं..के. ]से डेवलपमेंट इकोनोमिक्स  में एम् .फिल  की डिग्री  हासिल की है .राहुल जी की - प्राथमिक शिक्षा के उन्नतिकरण ,समाज के दलित व् अन्य   शोषित वर्गों   के सशक्तिकरण  से सम्बंधित  मुद्दों में,अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों- आदि में विशेष  रुचि है .खेलों में राहुल जी को-Scuba  diving  , swimming  , cycling  , playing squash में विशेष दिलचस्पी है .इतिहास ,समाज शास्त्र,अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध ,विकास,प्रबंधन व् जीवनी आदि विषयों को पढना  उन्हें   भाता है  व् शतरंज व् flying  उनके प्रिय समय व्यतीत करने के साधन है . अब तक  वे  निम्न   पदों को सुशोभित कर चुके हैं  -

Positions Held
2004
Elected, to 14th Lok Sabha
Member, Committee on Home Affairs
5 Aug. 2006
Member, Committee on Home Affairs
5 Aug. 2007 onwards
Member, Committee on Human Resource Development
2009
Re-elected to 15th Lok Sabha (2nd ter
31 Aug. 2009
Member, Committee on Human Resource Development


एक लोकसभा सदस्य के रूप में राहुल जी का  परिचय  इस  प्रकार  है --'' Details of MemberParticularsDescriptionNameShri Rahul GandhiConstituency from which I am electedAmethiState from which I am electedUttar PradeshPolitical party nameIndian National CongressPresent Address12, Tughlak Lane,New Delhi - 110 011Tels. (011) 23795161 Fax. (011) 23012410Permanent Address12, Tughlak Lane,New Delhi - 110 011Tels. (011) 23795161 Fax. (011) 23012410''[india.gov.in से sabhar ]


ये तो हुई राहुल जी के विषय में वे जानकारियां  जो सबको दिखाई देती हैं पर आज  मैं  यहाँ उनकी उन  विशेषताओं  का उल्लेख भी करना चाहूंगी  जिन्हें  केवल हम तभी देख सकते हैं  जब हम राजनैतिक रूप से निष्पक्ष होकर देखें  .१४ वर्ष की किशोर आयु में अपनी दादी की नृशंस   हत्या का हादसा झेलने वाले राहुल जी के धैर्य  की कड़ी परीक्षा  लेने में क्रूर प्रकृति ने कोई दया नहीं की .२१ मई १९९१ की रात को जब उनके स्नेही पिता राजीव जी की एक बम विस्फोट में नृशंस हत्या की गयी तब वे भारत में नहीं थे .जिसने भी अपने किसी प्रिय परिवारीजन को हादसे में खोया होगा वह उस समय के उनके हालात...मानसिक अवस्था को सहज  ही  महसूस   कर सकता है .किस तरह २१ वर्षीय उस युवा राहुल ने झेला  होगा यह हादसा !........आज जब स्वामी सुब्रमण्यम  जैसे तथाकथित  ज्ञानी राहुल जी को ''बुद्धू'' कहकर  उनकी खिल्ली उड़ाने  का प्रयास करते हैं ..वे भूल जाते हैं हमारे राहुल जी चट्टानी- कड़ाई जैसी मानसिक सबलता रखते हैं .दादी व् पिता को हादसों में खो देने के बावजूद वे स्वयं जन सेवा  हेतु  राजनीति में आये और सन 2004 से निरंतर जनसेवा में लगे  हुए हैं .....बिना किसी पद के लालच के .
राहुल जी द्वारा किये जाने वाले जनसंपर्क को ''नाटक ''का नाम   देने वाले ये भूल जाते हैं कि-राहुल जी इन आक्षेपों से घबराते नहीं है .वे ऐसे कुत्सित बयां देने वालों को चुनौती देते हुए ठीक ही तो कहते हैं-''यदि ये नाटक है तो ये चलता  रहेगा ''.उत्तर  प्रदेश में मिले जनादेश को भी उन्होंने बड़ी शालीनता के साथ स्वीकार किया  पर मीडिया ने  राहुल जी की आलोचना को ही स्थान दिया ...उनकी मेहनत को नहीं.
हाल ही में सर्वोच्च  न्यायलय  ने  राहुल जी के खिलाफ  फर्जी बलात्कार  के मामले  में साजिश   करने वाले व्यक्ति पर भारी अर्थ दंड लगाया है और राहुल जी को क्लीन चिट दी है  .राहुल जी के शत्रुओं को जान लेना चाहिए कि ऐसी घटिया कूटनीति से  वे  राहुल जी की छवि  को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं राहुल जी ऐसी सभी से यही कहते नज़र आते हैं -
'' पत्थर ही  है मारना है तो देख ले पहले
जो सामने खड़ा है वो शख्स कौन है !''
गरिमामयी   व् आकर्षक व्यक्तित्व  के स्वामी राहुल जी से यदि आप कभी मिले तो ये अवश्य पूछियेगा कि ''आखिर वे इतने अनर्गल आक्षेपों को ..........कटु आलोचनाओं को .... को कैसे सह जाते हैं? .विपरीत परिस्थितियों  में इतने शालीन  कैसे रह पाते हैं ?

राहुल जी इसी तरह भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते रहें और आने वाले दिनों में भारतीय जनता के हितार्थ अच्छे निर्णय लेकर देश को प्रगति पथ पर अग्रसर करने में अपना सार्थक योगदान प्रदान करें ऐसी प्रभु से कामना  है .
शिखा कौशिक 'नूतन'

मंगलवार, 18 मार्च 2014

संघर्षों से निखरेगा राहुल जी का व्यक्तित्व



आने वाले लोक सभा २०१४ के चुनाव परिणाम जो भी हो पर राहुल गांधी जी ने यह साबित कर दिया है कि यदि इस समय वास्तव में कोई नेता सच्चे ह्रदय से राजनैतिक भ्रष्ट व्यवस्था को सुधारने के लिए दृढ़-संकल्प है तो वे हैं केवल -राहुल गांधी जी . उन्होंने जनता के साथ वार्तालाप का नया मार्ग चुना और माना कि पहले केवल नेता आते थे और भाषण देकर चले जाते थे पर अब ऐसा नहीं है .चुनाव-घोषणा पत्र में वही मुद्दे रखे जायेंगें जिन पर जनता मुहर लगाएगी . राहुल जी ने दस साल के राजनैतिक कैरियर में अनुभव से सीखा और अपने को जनता की उम्मीदों के अनुसार ढाला पर इस प्रक्रिया में मीडिया ने उनकी निंदा करने का मार्ग अपनाया जबकि होना तो यह चाहिए था कि मीडिया उनकी प्रशंसा करता .जनता +नेता+मीडिया =हम सबको मिलकर ही इस देश की समस्याओं के उपाय ढूंढने हैं .व्यक्तिगत पसंद को सार्वजानिक पसंद के रूप में थोपने के लिए ये तो जरूरी नहीं कि किसी उभरते हुए राष्ट्रिय व्यक्तित्व को नीचा गिराने की कोशिश की जाये पर मीडिया ने यही किया .राहुल जी की गरिमा को गिराने का कुत्सित प्रयास किया गया .एक झूठे रेप के मामले को बेवजह उछाला गया , राहुल जी को युवराज ,बुद्धू ,पप्पू और भी न जाने क्या-क्या अपमानजनक संज्ञाओं से विभूषित किया गया . मीडिया के अलावा विपक्षी नेताओं ने भी राहुल जी के प्रति अभद्र भाषा का खुलकर प्रयोग किया पर ये राहुल जी की शालीनता ही है कि उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं तक को अभद्र-भाषा के प्रयोग से रोका .यही है हमारे राष्ट्रीय -व्यक्तित्व की पहचान . महिलाओं के एक समूह से वार्तालाप के दौरान वे कहते हैं ''मैं आपसे समर्थन मांगने नहीं आया ..मैं आपसे वोट मांगने भी नहीं ..मैं चाहता हूँ आप खुद इतनी मजबूत बनें कि कोई आपका शोषण न कर पाये .'' यही है वो सोच जो हम आज के अपने राष्ट्रीय नेता में चाहते हैं .निश्चित रूप से संघर्षो से राहुल जी के व्यक्तित्व में और निखार आएगा .जो हमारे देश के लिए शुभ-संकेत है .


शिखा कौशिक 'नूतन'