DR. ANWER JAMAL - Hindu Muslim Unity - My Opera |
आपको याद होगा शाहरुख़ खान का वो बयान जिसमे उन्होंने ये कहा था कि भारत में एक मुस्लिम के रूप में उन्हें अलग नज़र से देखा जाता है .इसीलिए उन्होंने अपने बच्चों के नाम भी हिन्दू रखे हैं .बहरहाल वो ये बताना भूल गए कि उनकी पत्नी एक हिन्दू है और शायद बच्चों के नाम उन्होंने ही रखें हो पर ये एक हकीकत है कि आज का भारतीय मुस्लमान अपने बच्चों के नाम या उपनाम हिन्दू रख रहा है .
हमारे यहाँ कुछ वर्ष पहले एक राज मिस्त्री ने काम किया .उसका नाम सब पप्पू कहते .हम सब उसे हिन्दू समझते रहे बाद में पता चला वो मुस्लिम था .इसी तरह एक और राज मिस्त्री का नाम है -डीजल [ये भी मुस्लिम है ] .हमारे घर के सामने एक घर बन रहा है उसमे काम करने वाले एक मजदूर का नाम है सोनू [ये भी मुस्लिम है] .यहाँ ये तर्क देना की किसी नाम पर किसी धर्म विशेष का अधिकार नहीं व्यर्थ है क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि हिन्दू अपने बच्चों के नाम हिंदी या संस्कृत भाषा के शब्दों पर रखते हैं और मुस्लिम उर्दू -अरबी भाषा के शब्दों पर .
इस तथ्य से तो सब परिचित हैं ही कि फिल्मों में सफल होने के लिए कई अभिनेताओं-अभिनेत्रियों ने हिन्दू नामों का सहरा लिया जैसे दिलीप कुमार [युसूफ ] अजीत , मधुबाला ,मीना कुमारी आदि पर वहां कारण अलग था .मुस्लिम समाज में फिल्मों को देखने पर कड़ी पाबन्दी थी इसलिए फिल्मों के दर्शक हिन्दू ही ज्यादा थे पर आज मुस्लिम समाज में हिन्दू नाम रखने की बढती प्रवर्ति उनमे असुरक्षा के भाव को दर्शाता है .क्यों भयभीत हैं हिंदुस्तान के मुस्लिम ? मैं एक हिन्दू के तौर पर कह सकती हूँ कि हमारे मन में मुस्लिम समाज को लेकर कोई पूर्वाग्रह नहीं .हिन्दू-मुस्लिम मिलकर ही हमारा भारतीय समाज पूरा होता है .हिंदुस्तान हिन्दुओं के साथ साथ मुस्लिमों का भी है .देश की रक्षा व् विकास में दोनों सामान रूप से भागीदार हैं फिर किस बात का डर है हमारे मुस्लिम समाज को ?
जहाँ तक मैं मानती हूँ ये भय -ये डर पडोसी देश में बैठे कट्टरपंथी बाशिंदे हमारे मुस्लिम भाइयों के दिल में पैदा कर रहे हैं .वे न तो पाकिस्तान में हिन्दुओं को सुकून से रहना देना कहते हैं और न हिंदुस्तान में मुसलमानों को .हमारे भारतीय मुस्लिम भाइयों को चाहिए कि वे इनके बहकावे में न आये .हिंदुस्तान मुस्लिमों के लिए सबसे सुरक्षित मुल्क है और रहेगा क्योंकि यहाँ हम न हिन्दू हैं ...न मुस्लिम हैं ...हम केवल भारतीय हैं .
मैं मुस्लिम समाज से अपील करूंगी कि वे बेखटके अपने बच्चों के नाम अरबी-उर्दू के शब्दों में रखें .आप हिंदुस्तान की शान है क्योंकि आप ही तो अब्दुल कलाम है ..आप ही हामिद अंसारी साहब हैं और आप ही सलमान खुर्शीद हैं .अब तो अभिनेता भी अपने नाम सलमान ,शाहरुख़ व् आमिर रखकर ही फिल्म जगत में सफलता पा रहें हैं और इनके फेंस में हिन्दू जनता भी है तब कैसा डर ?
शिखा कौशिक 'नूतन '
4 टिप्पणियां:
सच्चाई को शब्दों में बखूबी उतारा है आपने .एकदम सही कहा आपने .आभार मोदी व् मीडिया -उत्तराखंड त्रासदी से भी बड़ी आपदा
आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN
यह कहना सही नहीं है कि मुस्लिम समाज के लोग डर के कारण ये नाम रख रहे हैं क्योंकि ऐसा तो कहीं भी दिखाई नहीं देता है ! इसके कई दूसरे कारण हो सकते हैं और उन कारणों पर विचार किया जाना चाहिए !
मुस्लिम भाई अपने नाम वैसे ही रखे जैसा वो इरान ईराक से सीखते हैं...
मेरे ख्याल से बस ३ ४ बातें ध्यान कर लें तो हिन्दुस्तान की आम जनता उनको अपना 'बिरादर' मानने में गुरेज नहीं करेगी..
गोवध बंद कर दें...
वन्देमातरम का गान करें..
राम क्रिशन को अपना पूर्वज माने ... (हलांकि ये सत्य है की हिन्दुस्तान के ९८ मुस्लिम के पूर्वज अधिकतर हिन्दू ही थे.) और उनका सम्मान करें...
अगर इतना ही कर लें तो सारे गिले शिकवे दूर हो जायेंगे... अन्यथा ये अरब जगत से अपने लिए फतवे जारी कराते रहें और यहाँ बेगानो की तरह रहते रहे..
शुभेच्छा...
अल्पसख्यक समुदाय खाड़ी देश से आयात नहीं हुआ था, वो भी इसी देश इसी माटी का बेटा है .. ध्यान देना चाहिए.
देश के बहुसंख्यक लोगों के लिए गाय माता है...
देश में राष्ट्रप्रेम में लिए गीत वन्दे मातरम् है...
राम क्रिशन बहुसंख्यक के साथ साथ अल्पसख्यक समुदाय के भी पूर्वज हैं/पूजनीय हैं...
***ये मात्र इसी देश में होता है की आज भी अगड़ी जाति से कन्वर्ट हुए लोग अपने नाम के साथ अपना पुराना सरनेम लगाते आ रहे हैं.
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