यह सम्मान है या अपमान ?
इसे महारानी लक्ष्मीबाई का सम्मान कहें या अपमान ?यह हमारी भावनाओं के साथ एक खिलवाड़ जैसा है .अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने हाल ही में पति के बचाव में दीवार बनकर खड़ी होने वाली दुनिया की जाबांज पत्नियों की एक सूची जारी की जिसमे झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई को आठवां स्थान दिया गया है .कई समाचार पत्रों ने इसे बहुत बड़ी उपलब्धि माना पर जरा ध्यान दीजिये उनसे ऊपर किस किस को स्थान दे दिया गया है -
*इलेनोर रूजवेल्ट -[पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी ] को ''प्रथम स्थान''
उपलब्धि -नस्लवाद,गरीबी व् लिंगभेद पर खुलकर अपनी बात रखी .
*जुने कार्टर फिश -कार्टर परिवार से सम्बन्ध.अच्छी गायिका ,डांसर ,गीतकार ,अभिनेत्री और लेखक .इन्हें तीसरा स्थान दिया गया .
*साराह पालिन -सबसे कम उम्र की महिला जो अलास्का की गवर्नर बनी .इन्हें पांचवां स्थान दिया गया .
*इलेन दी.गेनेरेस -छठवां स्थान -खुले तौर पर माना कि ये एक समलैंगिक हैं .आस्ट्रेलिया की अभिनेत्री .
*सातवाँ स्थान दिया गया है -मिशेल ओबामा को जो वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी हैं .फैशन आइकोन व् रोल मॉडल ke रूप में उभरी हैं
इन सब से नीचे आठवां स्थान हमारी रानी लक्ष्मीबाई को दिया गया है .टाइम पत्रिका ने यह जानकारी नहीं दी है कि सूची किस आधार पर बनाई गयी है ? ऐसी सूचियाँ बनाना और उसमे अतार्किक रूप से हमारे आदर्श चरित्रों को नीचे स्थान देना पत्रिका ke लेखक मंडल ke दिमागी दिवालियापन को तो जाहिर करता ही है साथ ही हमारे दिल को भी चोट पहुंचाता है .झांसी की रानी ke महान साहस की तुलना किसी से भी करना असंभव है फिर इस सूची में जो नाम उनसे ऊपर दिए गए हैं वे तो तुलनात्मक रूप से कहीं ठहरते ही नहीं .भारत सरकार को इस सम्बन्ध में उचित कदम उठाने चाहिए ताकि आगे से किसी भी देश की कोई भी पत्रिका हमारे आदर्श चरित्रों को अपनी सूची में शामिल करते समय उचित स्थान दें .
शिखा कौशिक
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