दिल्ली भारत का वह राज्य है जहाँ की मुख्य मंत्री एक महिला हैं .उस राज्य में ऐसा होता है तो बहुत अफ़सोस की बात है .महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस विभाग में महिला सेल की स्थापना की गयी थी पर जब महिला पुलिसकर्मी के साथ उसके कार्यस्थल पर ही ऐसा हो जाये तो ''सलट वॉक ''का समर्थन करने पर हमारी आलोचना करने वाले पुरुषों को कहीं मुंह छिपा लेना चाहिए .''यह घटना सोमवार रात कालकाजी पुलिस स्टेशन मेंहुई। कालकाजी थाने में तैनात नवनियुक्त लेडीकॉन्स्टेबल रात में ड्यूटी पर थी। एसएचओ राणाअपने रेस्ट रूम में थे। लेडी कॉन्स्टेबल के मुताबिक , एसएचओ ने उसे बहाने से अंदर बुलायाऔर छेड़छाड़ की। किसी तरह बचकर वह बाहर निकली। पुलिस सूत्रों के मुताबिक , वह बदहवासहालत में बाहर आई थी।''[नव- भारत टाइम्स से साभार ]
स्त्री को मात्र एक देह मानने वाले पुरुष वर्ग की नैतिकता कुछ मिनटों में कैसे रसातल में समां जाती है ऐसी घटनाएँ इसकी गवाह है .दोषी पुलिसकर्मी को कड़ी सजा दी जानी चाहिए इसके अतिरिक्त और क्या कहा जा सकता है ?
शिखा कौशिक
[विचारों का चबूतरा ]
3 टिप्पणियां:
यह केवल राजनीतिक / कानून व्यवस्था का ही सवाल नहीं है, सामाजिक सवाल भी है
ऐसे पुलिसकर्मी के बारे में और क्या कहा जा सकता है ....आपसे सहमत हूँ
यह दोगलापन रचा बसा है हमारे सिस्टम में.....
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