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शनिवार, 14 सितंबर 2013

मुज़फ्फरनगर दंगे -गुनाहगार हम सभी हैं !

मुज़फ्फरनगर दंगों के कारण कर्फ्यू लगा एक महिला का प्रसव घर में ही कराना पड़ा जिसके कारण बच्चे को जन्म देते ही माँ चल बसी.क्या उस बच्चे से उसकी जननी को जुदा करने के गुनाहगार हम सब नहीं है !

हजारों लोग अपने घर से बेघर हो गए .उनके घरों में लगी आग के लिए क्या हम सब गुनाहगार नहीं हैं ?

दहशत का माहौल .आपसी विश्वास ध्वस्त .क्या इसके लिए गुनाहगार हम नहीं हैं ?

मासूमों की आँखों में आंसू ,अपनों का खून .क्या इसके गुनाहगार हम नहीं हैं ?

एक-दो मिसाल से कुछ नहीं होगा हम सभी को मिसाल बनना होगा .आइये इन्सान बने !!

शिखा कौशिक ‘नूतन’

1 टिप्पणी:

Arun sathi ने कहा…

एक सही कहा आपने, हम क्यों नहीं आगे बढ़कर मिशाल पेश करते.. और नेता राजनीति करते रहते है।