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शनिवार, 28 नवंबर 2015

मुसलमान हिन्दू नाम ?


क्यों रख रहा है मुसलमान हिन्दू नाम ?
आमिर खान द्वारा दिया गया ''देश छोड़ने '' वाला  बयान देश में बढ़ रही असहिष्णुता के सन्दर्भ में नया भले ही हो पर आपको  याद  होगा शाहरुख़ खान का वो बयान जिसमे उन्होंने ये कहा था कि भारत में एक मुस्लिम के रूप में उन्हें अलग नज़र से देखा जाता है .इसीलिए उन्होंने अपने बच्चों के नाम भी हिन्दू रखे हैं .बहरहाल   वो ये बताना  भूल गए कि उनकी पत्नी एक हिन्दू है और  शायद बच्चों के नाम उन्होंने ही रखें हो पर ये एक हकीकत है कि आज का भारतीय मुस्लमान अपने बच्चों के नाम या उपनाम हिन्दू रख रहा है .
हमारे यहाँ कुछ वर्ष पहले एक राज मिस्त्री ने  काम किया .उसका नाम सब पप्पू कहते  .हम सब उसे हिन्दू समझते रहे बाद में पता चला वो मुस्लिम था .इसी तरह एक   और राज मिस्त्री का नाम है -डीजल [ये भी मुस्लिम है ] .हमारे घर के सामने एक घर बन रहा है उसमे काम करने वाले एक मजदूर का नाम है सोनू [ये भी मुस्लिम है] .यहाँ ये तर्क देना की  किसी नाम पर किसी धर्म विशेष का अधिकार नहीं व्यर्थ है क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि हिन्दू अपने बच्चों के नाम हिंदी या संस्कृत भाषा के शब्दों पर रखते हैं और मुस्लिम उर्दू -अरबी भाषा के शब्दों पर .
इस तथ्य से तो सब परिचित हैं ही कि फिल्मों में सफल होने के लिए कई अभिनेताओं-अभिनेत्रियों  ने हिन्दू नामों का सहरा लिया जैसे दिलीप कुमार [युसूफ ] अजीत , मधुबाला ,मीना कुमारी आदि पर वहां कारण अलग था .मुस्लिम समाज में फिल्मों को देखने पर कड़ी पाबन्दी थी इसलिए फिल्मों के दर्शक हिन्दू ही ज्यादा थे पर आज मुस्लिम समाज में हिन्दू नाम रखने की  बढती प्रवर्ति उनमे असुरक्षा के भाव को दर्शाता है .क्यों भयभीत हैं हिंदुस्तान के मुस्लिम ? मैं एक हिन्दू के तौर पर कह सकती हूँ कि हमारे मन में मुस्लिम समाज को लेकर कोई पूर्वाग्रह नहीं .हिन्दू-मुस्लिम मिलकर ही हमारा भारतीय समाज पूरा होता है .हिंदुस्तान हिन्दुओं के साथ साथ मुस्लिमों   का भी है .देश की  रक्षा व् विकास में दोनों सामान रूप से भागीदार हैं फिर किस बात का डर है हमारे मुस्लिम समाज को ?
जहाँ तक मैं मानती हूँ ये भय -ये डर पडोसी देश में बैठे कट्टरपंथी बाशिंदे हमारे मुस्लिम भाइयों के दिल में पैदा कर रहे हैं .वे न तो पाकिस्तान में हिन्दुओं को सुकून से रहना देना चाहते  हैं और न हिंदुस्तान में मुसलमानों को .हमारे भारतीय मुस्लिम भाइयों को चाहिए कि वे इनके बहकावे में न आये .हिंदुस्तान मुस्लिमों के लिए सबसे सुरक्षित मुल्क है और रहेगा क्योंकि यहाँ हम न हिन्दू हैं ...न मुस्लिम हैं ...हम केवल भारतीय हैं .
मैं मुस्लिम समाज से अपील करूंगी कि वे बेखटके अपने बच्चों के नाम अरबी-उर्दू के शब्दों में रखें .आप हिंदुस्तान की  शान है क्योंकि आप ही तो अब्दुल कलाम है ..आप ही हामिद अंसारी साहब हैं और आप ही सलमान खुर्शीद  हैं .अब तो अभिनेता भी अपने नाम सलमान ,शाहरुख़ व् आमिर रखकर ही फिल्म जगत में सफलता पा रहें हैं और इनके फेंस में हिन्दू जनता भी है तब कैसा डर ?
शिखा कौशिक 'नूतन '

6 टिप्‍पणियां:

kuldeep thakur ने कहा…

जय मां हाटेशवरी....
आप ने लिखा...
कुठ लोगों ने ही पढ़ा...
हमारा प्रयास है कि इसे सभी पढ़े...
इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना....
दिनांक 30/11/2015 को रचना के महत्वपूर्ण अंश के साथ....
चर्चा मंच[कुलदीप ठाकुर द्वारा प्रस्तुत चर्चा] पर... लिंक की जा रही है...
इस चर्चा में आप भी सादर आमंत्रित हैं...
टिप्पणियों के माध्यम से आप के सुझावों का स्वागत है....
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
कुलदीप ठाकुर...


Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सटीक और विचारणीय आलेख..

बेनामी ने कहा…

बात तो अापकी एकदम सही है नूतन जी अाम अादमी ऐसा बिलकुल नहीं चाहता, लेकिन कुछ लोग हैं जो ऐसा होने नहीं देना चाहते और दोनो के बीच मे नफरत की दीवार खड़ी करने मे कोई कसर नहीं छोड़ते

विमल कुमार शुक्ल 'विमल' ने कहा…

भारतीय मुसलमान इतना भी भयभीत और असुरक्षित नहीं है जितना मीडिया में प्रचारित किया रहा है|मैं हिन्दू हूँ और मेरा घर तीन ओर मुसलमानों से घिरा हुआ है| मुझे हमेशा यही महसूस होता है कि मैं भारत में रहते हुए भी पाकिस्तान में रह रहा हूँ और असुरक्षित हूँ| यद्यपि इतना जरूर कहूँगा कि यह देश सबका है और किसी को भी परस्पर वैमनस्यता नहीं रखनी चाहिए|

Unknown ने कहा…

सिखा जी आप का ये लेख बहुत ही प्रसंसनीय है आज जो हालत पैदा हुए है वे सिर्फ और सिर्फ मिडिया और राजनितिक पार्टियों के द्वारा फैलाया गया है मुश्लिम वोटबैंक की होड़ में उनको बरगलाया जा रहा है आप इसीप्रकार से अपने विचार शब्दनगरी पर भी प्रकाशित कर सकती हैं.......

Unknown ने कहा…

सिखा जी आप का ये लेख बहुत ही प्रसंसनीय है आज जो हालत पैदा हुए है वे सिर्फ और सिर्फ मिडिया और राजनितिक पार्टियों के द्वारा फैलाया गया है मुश्लिम वोटबैंक की होड़ में उनको बरगलाया जा रहा है आप इसीप्रकार से अपने विचार शब्दनगरी पर भी प्रकाशित कर सकती हैं.......