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सोमवार, 3 जनवरी 2011

एक नए शोध की आवश्यकता है .

यह   खबर पढ़ी    -येदयुरप्पा के सीने में दर्द, अस्पताल में भर्ती'' तो अनायास  ही निम्न  विचार  मन में  आ गए -
 एक नए शोध की आवश्यकता है .    भ्रष्टाचारी और ह्रदय रोग .जब भी कोई भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़ा जाता है उसके दिल में दर्द शुरू हो जाता है .ऐसा क्यों होता है ? यही शोध क़ा विषय होना चाहिए .जिस जनता क़ा शोषण कर ये लोग इतना बड़ा रोग पाल लेते है वो जनता इनके पकडे जाने पर यह आस भी नहीं रख पाती कि अब भ्रष्टाचार क़ा भांडा फूटेगा मगर कमबख्त भ्रष्टाचारी क़ा ह्रदय बीच में आ जाता है और सारा मजा किरकिरा हो जाता है .इतना पैसा तिजोरियों में छुपा कर रखना भी तो आसान बात नहीं न !इतने भेद ! इतने झूठ  ! आखिर दिल तो दर्द करेगा ही .मेरा सभी शोधार्थियों से नम्र निवेदन है कि इस खास विषय पर गहन शोध कीजिये .सफल होने पर शायद नोबेल पुरस्कार तक मिल जाये .मेरी शुभकामनाये आप सभी के साथ है .
                                        शिखा कौशिक 
                           [विचारों का  चबूतरा ]

4 टिप्‍पणियां:

mridula pradhan ने कहा…

achcha visay hai shodh ke liye.

Dr Xitija Singh ने कहा…

hahaha... kya baat nikali hai shikha ... maza aagya padh kar .. sach mein ... good keep going ..

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) ने कहा…

एक बताऊँ शिखा....!!कहा तो स्त्री को जाता त्रियाचरित्र....मगर मेरे देखे...धन की संभाल के मामले में पुरुष त्रियाचरित्र से बहुत-बहुत-बहुत ज्यादा आगे है...पता नहीं इसका कुछ भी खाया हुआ ना जाने कहाँ पचा लिया जाता है....कि आजन्म इसका पेट ही नहीं भरता....और तो और...सारे जन्म खुद यही सब करता हुआ औरों को गरियाता भी जाता है....वाह रे पुरुष....तेरी यही कहानी....जर-ज़रा और जमीन के लिए बन गया हरामी....!!

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

सही कहा आपने।

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पति को वश में करने का उपाय।