महाराष्ट्र में अतिरिक्त जिला कलक्टर को जिन्दा जला देने की घटना हमारे पूरे देश की व्यवस्था पर जोरदार तमाचा है .अगर ईमानदार व्यक्ति के साथ ऐसा ही व्यवहार किया जायेगा तो कौन ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य को अंजाम देगा? लेकिन एक बात जो माफियाओं को समझ लेनी चाहिए वो यह है क़ि ईमानदारी को तुम न तो जला सकते हो ;न काट सकते हो -तुम केवल एक व्यक्ति के शरीर को चोट पहुंचा सकते हो .आज हम सब के दिलों में आग लगी हुई है और ये तब तक नहीं बुझेगी जब तक ज़िम्मेदार अपराधी अपनी करनी क़ा फल नहीं पा लेते .ऐसी घटनाओं से हम सहम जाने वाले नहीं ;ये घटनाएँ तो हम में सोये हुए जज्बातों को और भी ज्यादा झकझोर कर जगा देते है .भगत सिंह के देश में अब भी शहादत देने वालों की कमी नहीं है .मुनाफाखोरी कर देश के साथ गद्दारी करने वाले देशद्रोहियों को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए .आजादी से पहले हम विदेशियों से टकराए थे पर अब हमे अपने ही देश में पल रहे इन साँपों क़ा सिर कुचलना होगा .हमारी इस चुनौती को स्वीकार करने को तैयार हो जाओ -
''तुम जला सकते हो मुझको ;काट सकते हो मुझे ,
पर मेरे ईमान को हरगिज डिगा न पाओगे , ''
''तुम जला सकते हो मुझको ;काट सकते हो मुझे ,
पर मेरे ईमान को हरगिज डिगा न पाओगे , ''
19 टिप्पणियां:
बिलकुल सही लिख रही हैं आप.यदि इन कार्यों से ईमानदारी को ख़त्म होना होता तो कब की ख़त्म हो चुकी होती.जब तक ईमानदारी पर mar mitne वाले हैं तब तक ईमानदारी का झंडा बुलंद ही रहेगा...
तुम जला सकते हो मुझको ;काट सकते हो मुझे ,
पर मेरे ईमान को हरगिज डिगा न पाओगे
ये ज़ज्बे कायम रहे ....!!
यक़ीनन विश्वास को बनाये रखना ही होगा.....
ऐसे विश्वास को सलाम
भगत सिंह के देश में अब भी शहादत देने वालों की कमी नहीं है
kitni sundar baat kahi hai
तुम जला सकते हो मुझको ;काट सकते हो मुझे ,
पर मेरे ईमान को हरगिज डिगा न पाओगे
bas ye hausala bana rahe .sundar post .
imandari ka junoon jiske dil me hai ,kayan rahega .
अश्रुपूरित नमन इस इमानदारी के जज्बे को!!
और आपके सौम्य-भावों को
ये ज़ज्बे कायम रहे!! धन्यवाद |
A nice post on current hot topic.
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तुम जला सकते हो मुझको ;काट सकते हो मुझे ,
पर मेरे ईमान को हरगिज डिगा न पाओगे
इसे कहते है आत्म विश्वास
तुम जला सकते हो मुझको ;काट सकते हो मुझे ,
पर मेरे ईमान को हरगिज डिगा न पाओगे ...
Kaash ye jajba har naagrik mein ho ... dsh ki haalat badal jaayegi ...
यह एक दुखद घटना है।
इसके विरोध में आपके द्वारा व्यक्त विचार सराहनीय हैं।
ईमानदारी को कोई जला नहीं सकता...कोई मार नहीं सकता।v
sundar likha hai aapne badhai
sundar likha hai aapne badhai
sundar likha hai aapne badhai
बहुत सुन्दर पोस्ट.शायद इसे पढ़कर अब लोगों की रगों में नाइंसाफी और बेईमानी के खिलाफ खून दौड़े .
नमन इस इमानदारी के जज्बे को!!
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बहन शिखा मैने आपत्तिजनक शब्द हटा लिया है, अब आशा है कि आप मेरे ब्लॉग को असपृश्य श्रेणी मे नही रखेंगी। वैसे मेरी आपसे एक अपेक्षा है, आप कृपया एक समुचित अलंकार बताएं जिससे मै जमाल को विभूषित कर सकूं
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