आज अखबार में एक खबर पढ़ी कि-''चर्चाओं में ऐश का फिगर ''.खबर में बताया गया है की ऐश के बढे
वजन को लेकर कुछ लोगों ने इसे एक सदमा करार दिया है .कैसी मनोवृति है हमारी ?क्या आज भी आप ऐश को केवल अपना मनोरंजन करने वाली एक अभिनेत्री मानते हैं ?वो एक छः माह की बेटी की माँ हैं .क्या उनका कर्तव्य केवल आपके आकर्षण का केंद्र बने रहना होना चाहिए .हमारे लिए यह एक सदमा नहीं एक राहत की खबर है कि हमारी प्रिय अभिनेत्री वास्तविक जीवन में एक सफल माँ का किरदार निभा रही है .सदमा हम तब कह सकते थे जब वो बेटी को जन्म देते ही फिल्मों की ओर रूख कर लेती .ऐश को भावी जीवन में खूब खुशियाँ मिले हम तो यही चाहेंगें .
शिखा कौशिक
[विचारों का चबूतरा ]
3 टिप्पणियां:
बिलकुल ठीक कह रही हैं आप शिखा.
बिलकुल ठीक कह रही हैं शिखा.
ठीक कहा है आपने ... एक माँ की नज़र से देखना चाहिए ...
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