कई महीनो बाद जब अपने घर लौटा तो सामने वाले मियां साहब को देखकर पहचान न पाया.दौड़कर उनके घर पहुंचा और सहानभूति जताते हुए बोला 'मियां ये क्या हाल बना रखा है ?लम्बी-लम्बी दाढ़ी,मैले-कुचले कपडे और सेहत तो ऐसी गिर गयी है आपकी -जैसे महीनों से कुछ न खा-पी रहे हों -सब खैरत से तो है ?'' मेरी बात सुनते ही मियां साहब के आंसू निकल आये ;अपनी कुर्सी से खड़े होते हुए मुझे जबरदस्ती उस पर बैठा दिया और खुद जमीन पर पालथी मारकर बैठ गए .भर्राए गले से धीरे-धीरे आसमान की और देखते हुए बोले -क्या बताऊँ भाईजान मेरा तो सब कुछ लुट गया.सत्यानाश हो इस ब्लोगिंग का !बेगम ने कई ब्लॉग बना लिए हैं,दिन भर जहाँ पहले सलमा -सलीम को गोद में लिए रहती थी आज मुआ लेपटॉप शान से कब्ज़ा जमाये है ब्लॉग-पोस्ट पर टिपण्णी आई तो बेगम का मिजाज रंगीन पर अगर नहीं आई तो जैसे घर में मनहूसियत छा जाती है .कोई ''आधुनिक नारी ''ब्लॉग से भी जुड़ गयी हैं मोहतरमा -बस फिर क्या मै तो पॉंव की जूती बन कर रह गया .खाना मांगों तो कहती हैं -''खुद बना लो मैं तो कमेन्ट कर रही हूँ .....कपडे क्या खाक धुलेंगे ? सलमा-सलीम के ब्लॉग भी बना दिए हैं.सलमा कैसे टूथपेस्ट करती है ?सलीम साईकिल चलाना सीख रहा है .......सबके फोटो चिपका दिए हैं उनके ब्लॉग पर और भाईजान यकीन मानिये सारी दुनिया आस्ट्रेलिया से लेकर अमेरिका तक; तमिलनाडु से लेकर झुमरीतलैया तक से तारीफों भरी टिपपन्नियाँ हजारों की संख्या में आती हैं .सलमा तो अब सीधे मुंह बात भी नहीं करती ,कहती है ''...अब्बू अब तो हम सेलेब्रिटी हैं .दो सौ फौलोवर हैं हमारे !अब्बू आप भी बना लो एक ब्लॉग .''भाईजान मेरे तो सीने पर सांप लौट रहे हैं .अल्लाह की कसम यदि वो इंसान मिल जाये जिसने ये ब्लागस्पाट बनाए है मैं उसे जिन्दा जमीन में गाड़ दूँ .'' मैंने उन्हें कुछ शांत करते हुए कहा '''मियां साहब थोडा सब्र कीजिये .....अब क्या बताऊँ मैंने भी एक ब्लॉग बना रखा है ''आस-पड़ोस'' .आप भी दिल की बात एक सामूहिक ब्लॉग '''भड़ास ''से जुड़कर निकाल ही डालो पर एक बात पूछना चाह रहा हूँ 'ये दाढ़ी इतनी कैसे बढ़ गयी ?'' मियां साहब कुछ गुस्से में बोले ''...भाईजान वो नाइ भी एक ब्लॉग बना लिए है .ससुरा जब भी उसकी दुकान पर जाओ सामने के साइबर कैफे में घुसा रहता है ...दोस्ती गाठ रखी है उससे और आप तो मुझे जानते ही हो दाढ़ी बनवानी है तो उसी से इसीलिए रुके हुए हैं ...कभी तो ब्लोगर फेल होगा या इंटरनेट कनेक्ट नहीं होगा तभी दबोच लूँगा उस को !''मियां साहब के दर्द सुनकर जी भर आया .मन ही मन सोचा ''इनका दर्द तो ''हिन्दुस्तान के दर्द '' से भी बढ़कर है .'' मैं उन्हें धैर्य बंधाकर अपने घर की ओर चल दिया ....पर मेरा मन अब ख़ुशी से बल्लियों उछलने लगा जैसे ही मेरे दिमाग में यह आया कि क्यों न मियां साहब के दर्द को ही आज अपनी ब्लॉग पोस्ट का मुद्दा बनाकर ब्लॉग जगत में वाहवाही लूट ली जाये .''आमीन ''
19 टिप्पणियां:
शानदार....
जानदार....
मजेदार.....लेख
.........मियाँ की चिंता जायज है
ब्लॉग जगत पर इतना खूबसूरत और सटीक व्यंग्य इससे पहले नहीं पढ़ा !
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने !
आभार !
वाह!! वाह!!
यह लो शिखा जी मेरी वाह-वाही।
बाकि है तो मियाँ की परेशानी एन्जॉय करने का अवसर!!
ब्लॉग सम्बन्धी बहुत सुन्दर व्यंग| धन्यवाद|
bahut khoob .
इस व्यंग्य के लिए मेरे पास सिर्फ एक ही शब्द है .....लाजवाब
आज आपके ब्लॉग को समर्थक (फोल्लोवेर्स ) बन गया हु
'सुज्ञ' पर अच्छा डिप्लोमेटिक जवाब दिया!!
आभार, शिखा जी!!
गजब
बढ़िया हास्य, बढ़िया व्यंग्य।
:):)
aapne bahut satya likha hai....
sarvpratham haardik dhanyavaad aapki anmol tippani ke liye.usi ke madhyam se aapke blog ka pata chala.aapki haasye rachna to kamaal ki hai.dil khush ho gaya padhkar.god bless you.
हा हा हा शिखा जी मजेदार लिखा है
बहुत ही बढ़िया - विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
heheheheh......
miya ki chinta ka kya hal hai?
ब्लौगिंग के साईड इफेक्ट्स' :-)
बिलकुल सच्ची बात लिखी है ब्लोगर बस अपनी ही दुनिया में मस्त रहता है |
बिलकुल सच्ची बात लिखी है ब्लोगर बस अपनी ही दुनिया में मस्त रहता है |
बिलकुल सच्ची बात लिखी है ब्लोगर बस अपनी ही दुनिया में मस्त रहता है |
एक टिप्पणी भेजें