१९ वर्षीय छात्रा उमंग सब्बरवाल ने भारत में सल्ट वॉक का सफलता पूर्वक आयोजन कर भारतीय पुरुष समाज को चुनौती दी है .प्रसिद्ध साहित्यकार अज्ञेय ने लिखा है कि ''अधूरा देखना अश्लील है ''इसी पंक्ति को यथार्थ में एक आन्दोलन का रूप दे उमंग ने यह बात उठाई कि छेड़कानी व् बलात्कार जैसी घटनाओं के लिए लड़कियों द्वारा धारण की गयी वेशभूषा जिम्मेदार नहीं है बल्कि पुरुष की स्त्री को एक उपभोग की वस्तु मानने वाली मानसिकता इसके लिए जिम्मेदार है .बड़ी संख्या में युवाओं ने इस आयोजन में हिस्सा लेकर एक आशा जगाई है .स्त्री को सम्मान देना -हमारी संस्कृति की परंपरा रही है .उम्मीद कर सकते हैं कि पुरुष अपनी सोच में बदलाव लाने का सार्थक प्रयास करेंगे .उमंग को इस सफल आयोजन पर हार्दिक शुभकामनायें .
शिखा कौशिक
17 टिप्पणियां:
congratulation...
आपको और आपके परिवार को हरियाली तीज के शुभ अवसर पर बहुत बहुत शुभकामनायें ......
पोस्ट पर आपका स्वागत है
दोस्ती - एक प्रतियोगिता हैं
उमंग सब्बरवाल के हौसले को मेरा सलाम उसने एक मशाल जलाई है उनके लिए जो कहते हैं - 'न कोई उमंग है न कोई तरंग है मेरी जिंदगी है क्या एक कटी पतंग है |
उमंग सब्बरवाल के हौसले को मेरा सलाम उसने एक मशाल जलाई है उनके लिए जो कहते हैं - 'न कोई उमंग है न कोई तरंग है मेरी जिंदगी है क्या एक कटी पतंग है |
उमंग सब्बरवाल के हौसले को मेरा सलाम उसने एक मशाल जलाई है उनके लिए जो कहते हैं - 'न कोई उमंग है न कोई तरंग है मेरी जिंदगी है क्या एक कटी पतंग है |
मेरी समझ से विरोध के और भी तरीके हो सकते हैं , माडर्न होने के नाम पर कम कपड़ों में प्रदर्शन पश्चिम की नक़ल है जहाँ अक्सर लोग नंगे होकर प्रदर्शन करते रहते है |
पर इसका मतलब यह नहीं है की मैं मुद्दे के खिलाफ़ हूँ ,मैं पूरी तरह से उमंग का और पुरे नारी समाज का समर्थन करता हूँ | छेड़छाड़ और यौन अपराध के खिलाफ़ सामाजिक जागरूकता की जरूरत है और इस प्रदर्शन से समाज में माहौल बनेगा , ऐसी उम्मीद करता हूँ |
मेरी नयी प्रविष्टि पर आपका स्वागत है |
नारी शक्ति के हौसले को करता हु सलाम.
"वन्दे मातरम्"
congratulation...
आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है , कृपया पधारें
चर्चा मंच
I read your many posts today. They are indeed thought provoking. You are still a student, as your profile shows, but you have a very mature mind and a heart full of compassion.
I congratulate and thank you.
बिलकुल सही कहा कि ''पुरुष की स्त्री को एक उपभोग की वस्तु मानने वाली मानसिकता'' हीं इस समस्या का मूल कारन है. शुभकामनाएं.
.कृपया यहाँ भी कृतार्थ करें .http://veerubhai1947.blogspot.com/
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
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छेड़कानी व् बलात्कार जैसी घटनाओं के लिए लड़कियों द्वारा धारण की गयी वेशभूषा जिम्मेदार नहीं है बल्कि पुरुष की स्त्री को एक उपभोग की वस्तु मानने वाली मानसिकता इसके लिए जिम्मेदार है
कुछ हद तक तो यह बात भी सही है .....
पुरुषों को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा।
logo ne aurat ke samman ko kabhi shai se samjhaa hi nahi hai...jab tak hum mard ye nahi samajhte hai ki aurat har lihaaj se saamaj me humaari baraabari karne laayak hai, soch kunthit rahegi
http://teri-galatfahmi.blogspot.com/
badhai hamari taraf se bhi
ब्लॉग की 100 वीं पोस्ट पर आपका स्वागत है!
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