हास्य गीत -मैडम दारूवाला
वैधानिक चेतावनी -ये पोस्ट शुद्ध हास्य से पूर्ण है इससे ऐसे ही भाव से लें
इस गीत को लिखने की प्रेरणा रोज़ी दारूवाला जी के व्यक्तित्व से ही मिली है जरा देंखें उनकी टिप्पणी -
rosy daruwala ने कहा…
सोशल साइट्स ही क्या, आज तो हालत इतनी बदतर होगई है कि घरेलु महिलायें घर में और कामकाजी महिलाएं अपने ऑफिस में भी महफूज़ नहीं हैं . लोग केवल मज़ा लेने के लिए हमारा मखौल उड़ाते हैं ..ये किसी एक महिला का नहीं, वरन पूरे स्त्री समुदाय का अपमान और अपरोक्ष शोषण है .लेकिन इसके विरुद्ध कोई कार्रवाही सरकार कर पाएगी, इसका भरोसा मुझे तो नहीं, मेरे ख्याल में तो अब नारी को ही डंडा उठाना पड़ेगा ........
मैं तोइस मामले में सजग रहती हूँ . एक का चार सुनाती हूँ और ऐसा सुनाती हूँ कि दोबारा किसी की हिम्मत नहीं होती मुझे छेड़ने की ...........अगर ठीक से याद करूँ तो अब तक कम से कम दस की तो पिटाई कर चुकी हूँ . आप भी ये कर के देखिये, परिणाम अच्छा आएगा . यहाँ कलम चला कर कुछ होने वाला नहीं, हाथ चलाना सीखो ...........
क्षमा करना .कुछ बुरा लगे तो मैं अपने शब्द वापिस ले लेती हूँ
रोज़ी
4 जुलाई 2013 2:02 pm
ओ मैडम दारूवाला !ओ मैडम दारूवाला !
तूने जादू कर डाला तूने जादू कर डाला !
तू लगती हंटरवाली तू लगती नाज़ुक बाला !
जो तेरे पीछे आता उसके पीछे पड़ जाती ,
सैंडिल से है धमकती कभी डंडे खूब लगाती ,
गुंडों की गुंडागर्दी को चुटकी में धो डाला !
ओ मैडम दारूवाला !ओ मैडम दारूवाला !
जो पति करे कुछ टेढ़ा उसको सीधा कर देती ,
बेले है जिससे रोटी बेलन सिर पर धर देती ,
तेरे आगे लग जाता उनके मुंह पर ताला !
ओ मैडम दारूवाला !ओ मैडम दारूवाला !
है तेजधार की बुद्धि बहस में रहती आगे ,
स्पीड तेज़ चिंतन की आगे आगे भागे ,
तू मॉडर्न युग की नारी तेरा ही बोलबाला !
ओ मैडम दारूवाला !ओ मैडम दारूवाला !
शिखा कौशिक 'नूतन'
वैधानिक चेतावनी -ये पोस्ट शुद्ध हास्य से पूर्ण है इससे ऐसे ही भाव से लें
इस गीत को लिखने की प्रेरणा रोज़ी दारूवाला जी के व्यक्तित्व से ही मिली है जरा देंखें उनकी टिप्पणी -
rosy daruwala ने कहा…
सोशल साइट्स ही क्या, आज तो हालत इतनी बदतर होगई है कि घरेलु महिलायें घर में और कामकाजी महिलाएं अपने ऑफिस में भी महफूज़ नहीं हैं . लोग केवल मज़ा लेने के लिए हमारा मखौल उड़ाते हैं ..ये किसी एक महिला का नहीं, वरन पूरे स्त्री समुदाय का अपमान और अपरोक्ष शोषण है .लेकिन इसके विरुद्ध कोई कार्रवाही सरकार कर पाएगी, इसका भरोसा मुझे तो नहीं, मेरे ख्याल में तो अब नारी को ही डंडा उठाना पड़ेगा ........
मैं तोइस मामले में सजग रहती हूँ . एक का चार सुनाती हूँ और ऐसा सुनाती हूँ कि दोबारा किसी की हिम्मत नहीं होती मुझे छेड़ने की ...........अगर ठीक से याद करूँ तो अब तक कम से कम दस की तो पिटाई कर चुकी हूँ . आप भी ये कर के देखिये, परिणाम अच्छा आएगा . यहाँ कलम चला कर कुछ होने वाला नहीं, हाथ चलाना सीखो ...........
क्षमा करना .कुछ बुरा लगे तो मैं अपने शब्द वापिस ले लेती हूँ
रोज़ी
4 जुलाई 2013 2:02 pm
हास्य गीत -मैडम दारूवाला |
ओ मैडम दारूवाला !ओ मैडम दारूवाला !
तूने जादू कर डाला तूने जादू कर डाला !
तू लगती हंटरवाली तू लगती नाज़ुक बाला !
जो तेरे पीछे आता उसके पीछे पड़ जाती ,
सैंडिल से है धमकती कभी डंडे खूब लगाती ,
गुंडों की गुंडागर्दी को चुटकी में धो डाला !
ओ मैडम दारूवाला !ओ मैडम दारूवाला !
जो पति करे कुछ टेढ़ा उसको सीधा कर देती ,
बेले है जिससे रोटी बेलन सिर पर धर देती ,
तेरे आगे लग जाता उनके मुंह पर ताला !
ओ मैडम दारूवाला !ओ मैडम दारूवाला !
है तेजधार की बुद्धि बहस में रहती आगे ,
स्पीड तेज़ चिंतन की आगे आगे भागे ,
तू मॉडर्न युग की नारी तेरा ही बोलबाला !
ओ मैडम दारूवाला !ओ मैडम दारूवाला !
शिखा कौशिक 'नूतन'
4 टिप्पणियां:
.रोचक आभार क्या ये जनता भोली कही जाएगी ? #
आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -5.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN हर दौर पर उम्र में कैसर हैं मर्द सारे ,
ha ha ha ha are waah shikha ji aapne to kamaalki awaaz paai hai ......god aapko bahut kuchh diya hoga lekin awazme to mithaas bhari hai
mubaraq ho
rosy
सुन्दर प्रस्तुति-
आभार आदरणीया ||
हा हा हा .......
क्या लिखा है मेडम आपने .......
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