एक खबर पढ़ी -
''कोच्चि।। बॉलिवुड स्टार शाहरुख खान के खिलाफ महिलाओं के अश्लील चित्रण (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। एक शोरुम के उद्घाटन के सिलसिले में चार दिसंबर को शाहरुख ने यहां अपनी हालिया फिल्म 'रा. वन' के चर्चित गाने 'छम्मक छल्लो' पर कुछ कलाकारों के साथ डांस किया था, जिसमें उनके साथ डांस करने वाली लड़कियां बहुत कम कपड़ों में थीं।''[नवभारत टाइम्स से साभार ]
शाहरुख़ खान पर मामला दर्ज किया जाना उचित ही है क्योंकि ये सितारे फिल्मों में तो भारतीय संस्कृति का गुणगान करते दिखलाई देते हैं पर निजी जीवन में मर्यादाओं की धज्जियाँ व्यवसायिक हितों हेतु उड़ा देते हैं .हैरानी की बात ये है कि ये कार्यक्रम एक कपडा कम्पनी ने आयोजित किया था .कपडा कम्पनी को भी आरोपी बनाया गया है .इतनी शोहरत -दौलत कमा लेने के बाद भी शाहरुख़ जैसे सितारे क्यों नहीं ऐसे मर्यादाहीन प्रदर्शन के लिए इंकार करते ? शाहरुख़ खान स्वयं एक पुत्री के पिता हैं क्या वे अपनी पुत्री को ऐसी ही पोशाक में नचाना पसंद करेंगे ?यदि नहीं तो अन्य लड़कियों का ऐसा शोषण क्यों करते हैं ये ?शाहरुख़ के साथ-साथ वे लड़कियां भी जिम्मेदार हैं जो ऐसे वस्त्रो को धारण करने के लिए तैयार हो जाती हैं .ऐसे अमर्यादित प्रदर्शन को देखने वाले भी जिम्मेदार हैं .पश्चिमी संस्कृति के सकारात्मक पक्षों को ग्रहण करना अलग बात है पर नग्नता को हमारे समाज में स्वीकृति दी जाये ऐसा संभव नहीं है .सिर से पांव तक ढकी स्त्री तो अस्मिता की रक्षा कर नहीं पा रही ऐसे में अर्ध नग्न कर स्त्री देह का प्रयोग व्यवसायिक हितों के लिए करना क्रूरतापूर्ण अपराध है . स्त्री को एक शो-पीस बना कर प्रस्तुत करने वाले लोगों को कड़ा दंड मिलना ही चाहिए .
शिखा कौशिक
[विचारों का चबूतरा ]
''कोच्चि।। बॉलिवुड स्टार शाहरुख खान के खिलाफ महिलाओं के अश्लील चित्रण (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। एक शोरुम के उद्घाटन के सिलसिले में चार दिसंबर को शाहरुख ने यहां अपनी हालिया फिल्म 'रा. वन' के चर्चित गाने 'छम्मक छल्लो' पर कुछ कलाकारों के साथ डांस किया था, जिसमें उनके साथ डांस करने वाली लड़कियां बहुत कम कपड़ों में थीं।''[नवभारत टाइम्स से साभार ]
शाहरुख़ खान पर मामला दर्ज किया जाना उचित ही है क्योंकि ये सितारे फिल्मों में तो भारतीय संस्कृति का गुणगान करते दिखलाई देते हैं पर निजी जीवन में मर्यादाओं की धज्जियाँ व्यवसायिक हितों हेतु उड़ा देते हैं .हैरानी की बात ये है कि ये कार्यक्रम एक कपडा कम्पनी ने आयोजित किया था .कपडा कम्पनी को भी आरोपी बनाया गया है .इतनी शोहरत -दौलत कमा लेने के बाद भी शाहरुख़ जैसे सितारे क्यों नहीं ऐसे मर्यादाहीन प्रदर्शन के लिए इंकार करते ? शाहरुख़ खान स्वयं एक पुत्री के पिता हैं क्या वे अपनी पुत्री को ऐसी ही पोशाक में नचाना पसंद करेंगे ?यदि नहीं तो अन्य लड़कियों का ऐसा शोषण क्यों करते हैं ये ?शाहरुख़ के साथ-साथ वे लड़कियां भी जिम्मेदार हैं जो ऐसे वस्त्रो को धारण करने के लिए तैयार हो जाती हैं .ऐसे अमर्यादित प्रदर्शन को देखने वाले भी जिम्मेदार हैं .पश्चिमी संस्कृति के सकारात्मक पक्षों को ग्रहण करना अलग बात है पर नग्नता को हमारे समाज में स्वीकृति दी जाये ऐसा संभव नहीं है .सिर से पांव तक ढकी स्त्री तो अस्मिता की रक्षा कर नहीं पा रही ऐसे में अर्ध नग्न कर स्त्री देह का प्रयोग व्यवसायिक हितों के लिए करना क्रूरतापूर्ण अपराध है . स्त्री को एक शो-पीस बना कर प्रस्तुत करने वाले लोगों को कड़ा दंड मिलना ही चाहिए .
शिखा कौशिक
[विचारों का चबूतरा ]
3 टिप्पणियां:
ज़रूर मिलना चाहिए .... स्त्रीयों को भी चाहिए की वे ऐसे प्रदर्शन का हिस्सा न बने ...
सहमत हूँ। मगर इसके लिए पहले खुद स्त्री को इस तरह के प्रदर्शन से इंकार करना होगा जो आज कल कोई नहीं करता ...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://mhare-anubhav.blogspot.com/
दंड तो मिलाना ही चाहिए .........तभी इस तरह की हरकतों पर अंकुश लगाई जा सकती है
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