माया बाई का मुजरा-कब रूकेगा स्त्री का अपमानन्नीचे
मायावती जी का इसप्रकार चित्रण करना पूरे भारतीय समाज के मुंह पर जोरदार तमाचा है ...आज तक हम उन बालाओं को तो इस अगरिमामय पेशे से निकाल नहीं पायें जो दुर्भाग्यवश इस पेशें में फसी हैं उस पर अपने संघर्षों से एक दलित परिवार में जन्म लेकर भी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री तक के सफ़र को तय करने वाली हमारी दलित नेत्री को इस रूप में प्रस्तुत करना मुंह पर तमाचा ही है .हम उनकी आलोचना भ्रष्टाचार के मुद्दे पर शालीन तरीके से कर सकते हैं ....पर इस रूप में दलित नेत्री को प्रस्तुत करना नीचता की पराकाष्ठा है .क्या भारतीय पुरुषों का पुरुषार्थ समाप्त हो चुका है जो बहनों को इस रूप में प्रस्तुत कर मुजरा करवाया जा रहा है .शर्मनाक ....निंदनीय ......घोर आपत्तिजनक ....मनोरंजन या आलोचना का यह रूप यदि भारतीय पुरुषों ने अपनाया है तो उन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए क्योकि यह भारतीय संस्कृति के सर्वदा विरूद्ध है .हमारी संस्कृति में शत्रु पक्ष की महिला को भी ''देवी ''कहकर संबोधित किया जाता है .पोस्ट करने वाले ब्लोगर डॉ.ओ.पी.वर्मा जी एक उच्चस्तरीय डॉक्टर हैं .सुशिक्षित हैं फिर एक बार भी उन्होंने इस पोस्ट को फेसबुक से ब्लॉग पर डालने से पूर्व यह क्यों नहीं सोचा कि मायावती जी सर्वप्रथम एक महिला हैं .....इसके पश्चात् एक ऐसे दलित समाज का प्रतिनिधत्व करती है जिसने युगों तक शोषण सहा है .मायावती जी का संघर्षपूर्ण जीवन किसी से नहीं छिपा है .ठीक है आज उन पर भ्रष्टाचार के आरोप है ..पर उसका मतलब ये तो नहीं कि कोई भी उन्हें इस रूप में प्रस्तुत करे .क्या आप अपनी बहन ....बेटी को इस रूप में प्रस्तुत करना चाहेंगे .स्त्री को मनोरंजन की वस्तु बनाकर उससे मुजरा सुनने की जिस की इच्छा शेष है वो किसी का बेटा ....भाई नहीं हो सकता .डॉ.ओ.पी वर्मा जी न केवल फेसबुक से इस निंदनीय सामग्री को लायें हैं बल्कि पोस्ट के नीचे उनकी टिप्पणियां भी घोर अशालीन हैं -उनका परिचय व् टिप्पणिया -
Flax Awareness Society
WEDNESDAY, APRIL 11, 2012
मायावती जी का इसप्रकार चित्रण करना पूरे भारतीय समाज के मुंह पर जोरदार तमाचा है ...आज तक हम उन बालाओं को तो इस अगरिमामय पेशे से निकाल नहीं पायें जो दुर्भाग्यवश इस पेशें में फसी हैं उस पर अपने संघर्षों से एक दलित परिवार में जन्म लेकर भी उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री तक के सफ़र को तय करने वाली हमारी दलित नेत्री को इस रूप में प्रस्तुत करना मुंह पर तमाचा ही है .हम उनकी आलोचना भ्रष्टाचार के मुद्दे पर शालीन तरीके से कर सकते हैं ....पर इस रूप में दलित नेत्री को प्रस्तुत करना नीचता की पराकाष्ठा है .क्या भारतीय पुरुषों का पुरुषार्थ समाप्त हो चुका है जो बहनों को इस रूप में प्रस्तुत कर मुजरा करवाया जा रहा है .शर्मनाक ....निंदनीय ......घोर आपत्तिजनक ....मनोरंजन या आलोचना का यह रूप यदि भारतीय पुरुषों ने अपनाया है तो उन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए क्योकि यह भारतीय संस्कृति के सर्वदा विरूद्ध है .हमारी संस्कृति में शत्रु पक्ष की महिला को भी ''देवी ''कहकर संबोधित किया जाता है .पोस्ट करने वाले ब्लोगर डॉ.ओ.पी.वर्मा जी एक उच्चस्तरीय डॉक्टर हैं .सुशिक्षित हैं फिर एक बार भी उन्होंने इस पोस्ट को फेसबुक से ब्लॉग पर डालने से पूर्व यह क्यों नहीं सोचा कि मायावती जी सर्वप्रथम एक महिला हैं .....इसके पश्चात् एक ऐसे दलित समाज का प्रतिनिधत्व करती है जिसने युगों तक शोषण सहा है .मायावती जी का संघर्षपूर्ण जीवन किसी से नहीं छिपा है .ठीक है आज उन पर भ्रष्टाचार के आरोप है ..पर उसका मतलब ये तो नहीं कि कोई भी उन्हें इस रूप में प्रस्तुत करे .क्या आप अपनी बहन ....बेटी को इस रूप में प्रस्तुत करना चाहेंगे .स्त्री को मनोरंजन की वस्तु बनाकर उससे मुजरा सुनने की जिस की इच्छा शेष है वो किसी का बेटा ....भाई नहीं हो सकता .डॉ.ओ.पी वर्मा जी न केवल फेसबुक से इस निंदनीय सामग्री को लायें हैं बल्कि पोस्ट के नीचे उनकी टिप्पणियां भी घोर अशालीन हैं -उनका परिचय व् टिप्पणिया -
- Dr. O.P.Verma
- Vaibhav Hospital, 7-B-43, Mahaveer Nagar III, Kota, Raj., India
- पिछले कई वर्षों से हमारी संस्था “अलसी चेतना यात्रा” अलसी के बारे में जागरूकता लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। हमारी संस्था के अन्य उद्देश्य हैं। •जैविक खाद्य पदार्थों के उत्पादन, उपयोग को प्रोत्साहन देना और लोगों को जैविक खाद्य पदार्थों के लाभ समझाना। •खाद्य पदार्थों में मिलावट, जो आज की सबसे गंभीर समस्या है, के बारे में लोगों को जानकारी देना। मिलावट रोकने के लिए सम्बंधित विभागों से सामंजस्य रखते हुए कार्यवाही करना। •अलसी के तेल, पनीर, तथा कैंसर रोधी फल व सब्जियों से विकसित किया हुआ डॉ. बुडविज आहार-विहार कैंसर के रोगियों को उपलब्ध करवाने हेतु पूरे भारत में बुडविज प्रोटोकोल कैंद्रों का निर्माण करना। •कोटा में देश-विदेश के रोगियों को उच्च स्तरीय प्राकृतिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा उपलब्ध कराने हेतु विशाल हर्बल पार्क विकसित करना। go.flax@gmail.com ०९४६०८१६३६०
- सचमुच दु्हन सी लग रही है माया... शादी कर लेती तो अभी 2-4 बच्चों की मां होती।
- आदरणीय दिलबाग विर्क जी, चर्चामंच पर प्रस्तुत होना गर्व की बात मानी जाती है। आपने चर्चामंच पर माया बाई का मुजरा करवा कर बड़ा अच्छा काम किया है। आपका किन शब्दों में शुक्रिया करूँ। मुफलिसी में हमें दो पैसे मिल गये। और आजकल मायाबाई भी फालतू ही बैठी थी। आपके याद ही होगा जबसे अखिलेश बाबू नये नये दारोगा बने हैं, उन्होंने लखनऊ के सारे कोठों पर माया के मुजरे पर पाबंदी लगा दी है। इसलिए आपको आगे भी कहीं मौका मिले मुजरा करवाना हो तो सेवा का अवसर देना। आपके लिए तो मायाबाई तो खाली बख्शीश में भी नाच लेगी।
- गब्बर का ही डर है वो आगया तो कांच पे नचायेगा, उसको खबर मत होने देना रचना जी।
- बहुत नाइंसाफी है....
- hahaha vaah kya pairodi banaai hai.chitra to lajabaab hai. मैं इसप्रकार की किसी भी पोस्ट के विरूद्ध हूँ और आप सभी से चाहती हूँ की आप भी विरोध करें ताकि फेसबुक की गंदगी ब्लॉग जगत के निर्मल वातावरण को प्रदूषित न करे जय हिंद ! शिखा कौशिक
3 टिप्पणियां:
.shikha ji ye bat aapne uthayi hai iske liye vastav me aap badhai ki patr hain .o.p. verma ji shayad aaj is ukti se navazne yogya rah gaye hain jo kabhi mati ne kahi thi aaj nari kah rahi hai-''mati kahe kumhar se tu kya ronde mohe, ek din aisa aayega main rondungi tohe.''manzil pas aayegi
आपके उच्च विचारों से हम भी सहमत है |शिखा जी किसी का भी अपमान नहीं होना चाहिए |
मायावती के बारे में ऐसे लिखना पुरुष समाज (ऐसा लिखने वाले पुरुषों) की हीनभावना का परिणाम है और उसके पीछे तुच्छ सोच है. मायावती ने कुछ ग़लत किया है तो उसकी आलोचना करने में अपनी गरिमा पर कालिख पोतने की क्या आवश्यकता है?
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