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मंगलवार, 11 जून 2013

'राजनैतिक फज़ीता गीत माला ''

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[गूगल से साभार ]

                                          वैधानिक  घोषणा  
[यह साक्षात्कार  पूर्णत : काल्पनिक  है  .इसके  पात्र  के नाम व् स्थान सब काल्पनिक  हैं  .इनका किसी भी   राजनैतिक   पार्टी   [बीजेपी या आर.एस.एस  ]  से   कोई   सम्बन्ध  नहीं  है  ]

आर.जे.- आपके  अपने  एफ  एम् .चैनल  पर  आज  हमारे  साथ  हैं वयोवृद्ध  नेता  जी  भिड्वानी  जी  .स्वागत है आपका हमारे खास प्रोग्राम ''राजनैतिक फज़ीता गीत  माला '' में .भिड्वानी जी तो आप हमारे श्रोताओं को आज अपनी पसंद के टॉप फ़ाइव फज़ीता गीत कौन कौन से सुनवा रहे हैं और किसे डैडीकेट   कर रहे हैं इन्हें  ?

भिड्वानी जी -सबसे पहले आपका शुक्रिया की आपने मुझ जैसे भूले-बिसरे नेता को इस कार्यक्रम में बुलाया  ''जय श्री राम श्रोताओं '' .आज मैं जो पांच   'फज़ीता गीत' आपको  सुनवाने  वाला  हूँ  वे  इस तरह  हैं -

1-सबसे पहला  फज़ीता गीत डैडीकेट है  'गोभी  जी' को पूरे दुःख के साथ मुबारकबाद  देते  हुए -


''मुबारक हो तुमको समां ये सुहाना 
मैं खुश ? हूँ मेरे आसुओं पे न जाना 
मैं तो दीवाना दीवाना दीवाना .....'' 

2 -दूसरा  'फज़ीता गीत समर्पित  है ''नागनाथ  जी 'को -

"ऐसा जख्म दिया  है 
जो न फिर भरेगा 
हर हसीन ? चेहरे से अब ये दिल डरेगा "

3-तीसरा 'फज़ीता गीत '' समर्पित है 'ऊष्मा जी' को जो मुझे मनाने की बहुत कोशिश कर रही है -

''रूठे रब  को मनाना आसान है 
रूठे यार ? को मानना मुश्किल   है "

4 -चौथा ''फज़ीता गीत '' डैडी केट करना चाहूँगा ''केटली जी '' को  -

"तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं ,
गैर ? के दिल को सराहोगी तो मुश्किल होगी !"

5 -पांचवा व् अंतिम फज़ीता गीत मैं समर्पित करना चाहूँगा खुद को -

''ए दिल तुझे कसम है हिम्मत न हारना ,
दिन जिंदगी के जैसे भी गुजरें गुजारना ''

आर.जे -आप 'पटल जी ' के लिए कोई फज़ीता गीत '' सपर्पित नहीं करना चाहेंगें ?

भिड्वानी जी - हाँ हाँ .....
याद आ रही है तेरी याद आ रही है 
याद आने से तेरे जाने से 
तडपा रही है !

आर जे -बहुत बहुत शुक्रिया भिड्वानी जी !!............................श्रोताओं तो ये थे भिड्वानी जी .आपको ये कार्यक्रम कैसा लगा ? जल्द से जल्द एस.एम्.एस द्वारा हमें सूचित करें इस नंबर पर ''420 ''.

शिखा कौशिक 'नूतन ' 
  

5 टिप्‍पणियां:

अज़ीज़ जौनपुरी ने कहा…

बहुत खूब, खूबशूरत अहसाह ,बहुत सुन्दर रचना

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

आपकी यह पोस्ट आज के (१२ जून, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - शहीद रेक्स पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई

वसुन्धरा पाण्डेय ने कहा…

बहुत खूब.....

Shikha Kaushik ने कहा…

shukriya -aziz ji ,tushar ji v vasundhra ji

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…


बहुत करारा पापड तला है आपने ,स्वाद बढ़िया है
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
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