आज क्यों चुप हैं काँग्रेस को पानी पी पी कर कोसने वाले ? विपक्ष के किसी नेता को यदि छींक भी आ जाये तो उसकी साजिश का ठीकरा काँग्रेस के सिर पर फोड़ने वाले देखो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का खून भाजपाशासित प्रदेश में पानी की तरह बहाया गया है .५६ वर्षों तक देश पर शासन करने व् विकास न करने का आरोप कॉंग्रेस के सिर मढने वालों आज देखो कॉंग्रेसी कार्यकर्ताओं पर हुए इस नक्सली हमले ने साबित कर दिया कि देश के दुश्मन कॉंग्रेस पार्टी को ही देश की तरक्की करने वाली व् अमन-चैन स्थापित करने वाली सबसे बड़ी ताकत मानते है अन्यथा ये हमला किसी भी पार्टी पर किया जा सकता था .कॉंग्रेस के कार्यकर्ताओं के खून की एक एक बूँद देश भक्ति को समर्पित है . ५६ वर्षों तक राज किया है तो कुर्बानियां भी दी हैं .ऐसे हमलों से डरकर भागे नहीं .हौसले पस्त नहीं हुए .इंदिरा जी की हत्या की गयी हो या राजीव जी की हत्या या ये कायरतापूर्ण नक्सली हमला - हर हमला कॉंग्रेस ने अपने सीने पर झेला .ज़ख्म पर ज़ख्म खाए हैं , खून बहाया है पर कदम पीछे नहीं हटे .देश को हिंसक व् देश द्रोही ताकतों के हाथों में नहीं जाने दिया .जो लोग कॉंग्रेस पार्टी पर निराधार आरोप लगाकर दुष्प्रचार में व्यस्त रहे हैं वो पुन : चिंतन करें व् देश हित में कॉंग्रेस पार्टी के हाथ मजबूत कर देशद्रोहियों के मुंह पर जोरदार मुक्का ठोक दें . नक्सली हमले में शहीद काँग्रेस पार्टी के साहसी कार्यकर्ताओं को पूरे हिंदुस्तान की ओर से शत शत नमन .ईश्वर सभी शहीदों की आत्मा को परम शांति प्रदान करें व् काँग्रेस पार्टी परिवार व शहीदों के परिवारीजन को यह हादसा झेलने की ताकत प्रदान करे .शहीदों को एक बार फिर से अपने इन शब्दों में नमन -
लगी जब गोलियां गिरने लगा थामा हाथ था ,
तेरी किस्मत बुलंद हिंदुस्तान सारा साथ था !
जय हिन्द ! जय भारत !
शिखा कौशिक 'नूतन '
''आधार वाक्य -पाप से घृणा करो पापी से नहीं !''
*सट्टेबाजी से घृणा करो आई .पी .एल . से नहीं !
*एक़े. 47 से घृणा करो संजय दत्त से नहीं !
*पाकिस्तानी सेना से घृणा करो पाकिस्तानी सरकार से नहीं !
*फिसलती जुबान से घृणा करो शिंदे साहब से नहीं !
*पी .एम् .ओ . से घृणा करो डॉ .मनमोहन सिंह से नहीं !
*साम्प्रदायिक दंगों से घृणा करो श्री नरेन्द्र मोदी से नहीं !
*राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं से घृणा करो श्री लाल कृष्ण आडवानी से नहीं !
*दबंगई से घृणा करो राजा भैय्या से नहीं !
* काले धन से घृणा करो स्विस बैंक से नहीं !
*अश्लीलता से घृणा करो सन्नी लियोन से नहीं !
और अंत में -
घोटालो से घृणा करो नेताओं से नहीं !
बात है सच्चे सोने सी चौबीस कैरेट सही !
आने वाले हैं चुनाव दिल में न रखना खोट !
दागी हैं तो क्या हुआ हमको ही देना वोट !
शिखा कौशिक 'नूतन '
राजीव जी को शत -शत नमन [२ १ मई १ ९ ९ १ ]
राजीव जी की हत्या ...सोचकर भी रौंगटे खड़े हो जाते हैं .आंतकवादी तो बम ब्लास्ट कर किसी की जान क्षण भर में छीन लेते हैं पर उस व्यक्ति के जाने से पूरा परिवार ही उजड़ जाता है .राजीव जी की हत्या ने तो पूरे देश सहित दुनिया में उनके प्रशंसकों को रुला डाला था .आज भी इस दिन के आते ही राजीव जी का क्षतविक्षत पड़ा शरीर आँखों के सामने घूम जाता है और फिर याद आता है काले चश्मे में आँखों के दर्द को छिपाए सोनिया जी का चेहरा .अस्थि -विसर्जन के लिए जाते रेल के डिब्बे में उदास बैठे राहुल जी और हादसे को साहस के साथ झेलती प्रियंका जी के ह्रदय की व्यथा को महसूस कर आँखे आज भी भर आती हैं .......पर कितना कठिन होता है जीवन साथी का अकस्मात छोड़ कर चला जाना !सोनिया जी ने कैसे सहा होगा यह हादसा -
जब छूट जाता है साथ
अचानक ही
रह जाते हैं खाली हाथ !
किससे करें शिकायत
ऊपर वाला भी
कब सुनता है फरियाद !
रह जाते हैं आंसू
आँखों में और
जाने वाले की याद !
जन्म -जन्म के बंधन
कच्चे पड़ जाते
टूट जाते ख्वाब !
प्रिय के अधूरे सपनों को
करना जो होता है पूरा
अमर हो जाता है सुहाग !
शिखा कौशिक 'नूतन
क्यूँ बेवजह हो कर रहे 'इस्लाम' को बदनाम ?
हमको भी न करना मियां आज से सलाम !
तसलीम माँ को करना कैसे है गैर -वाजिब ?
ये सोचकर तो देखो बन्दों अरे नादानों !
मज़हब की आड़ लेकर बाँटों न वतन अपना ,
नापाक इरादों का तूफ़ान दो अब थाम !
माँ को सलाम करना है '' वन्देमातरम ''
इससे नहीं घट सकती 'अल्लाह' की कभी शान !
सिर झुकाना ये नहीं ये सिर्फ शुक्रिया ,
उस माँ का जिसने बख्शी सहूलियत तमाम !
जन्नत है जमी अपनी हिंदुस्तान की ,
क्यों इससे अदावत का ले रहे इल्ज़ाम ?
जिस गोद में खेले उसको जो दे इज्ज़त ,
अल्लाह की नज़र में बन्दा वही इक़बाल !
शिखा कौशिक 'नूतन'
मेरा ब्लड ग्रुप है -वन्देमातरम और आपका ?
हिंदुस्तानी दिल पाता है गाकर इसे सुकून !
'वन्देमातरम' बहता है मेरी रगों में बनकर खून !
वन्देमातरम वन्देमातरम गूंजे मेरे कानों में ,
वन्देमातरम वन्देमातरम रहता है मेरे अधरों पे ,
वन्देमातरम बन सुगंध सांसों को है महकता ,
वन्देमातरम अमृत सम जीवन में है घुल जाता ,
वन्देमातरम बिन गाये जीवन में सब कुछ सून !
'वन्देमातरम' बहता है मेरी रगों में बनकर खून !
वन्देमातरम आजादी की जंग की याद दिलाता ,
वन्देमातरम वतन परस्ती की है जोत जगाता ,
वन्देमातरम गाकर जिह्वा पाती है आराम ,
वन्देमातरम में अल्लाह इसमें है श्री राम ,
देशभक्त का यही है मजहब ये ही है कानून !
'वन्देमातरम' बहता है मेरी रगों में बनकर खून !
धरा से लेकर अम्बर तक हम आज गूंजा देंगें ,
वन्देमातरम का परचम जग में फहरा देंगें ,
वन्देमातरम पर आपत्ति जिस गद्दार को होगी ,
ऐसे हर दुश्मन का हम दिल दहला देंगें ,
वन्देमातरम का सर चढ़कर बोले आज जूनून !
'वन्देमातरम' बहता है मेरी रगों में बनकर खून !
शिखा कौशिक 'नूतन '