शहीद का बेटा है राहुल ! .राहुल के ज़ज्बे को सलाम !
भाजपा के वरिष्ठ नेता व् राज्य सभा में विपक्ष के नेता श्री अरुण जेटली ने श्री राहुल गाँधी को कॉंग्रेस पार्टी उपाध्यक्ष बनाये जाने को ''वंशवादी लोकतंत्र '' का नाम दिया है .यही और इन जैसे अन्य नेता व् इनके समर्थक तब वंशवाद का जिक्र भी नहीं करते जब एक शहीद की पत्नी अपने पुत्र को भी सैनिक बनाने का प्रण लेती है .क्या अंतर है सोनिया जी व् शहीद की पत्नी में ? बस यही ना कि शहीद ने शहादत दी तो पूरा देश उसके बलिदान के आगे नतमस्तक हो गया और जब राजीव जी की हत्या हुई तब विपक्ष इसमें अपना फायदा ढूँढने लगा .इंदिरा जी की निर्मम हत्या को राहुल जी ने एक छोटे बालक के दृष्टिकोण से प्रस्तुत कर हर किसी को भावुक कर दिया .उस समय अपने पिता के ह्रदय की व्यथा को गहराई से महसूस किया था बालक राहुल ने . कल जब राहुल जी को उपाध्यक्ष बनाया गया तब सब ओर से उन्हें शुभकामनाओं से नवाज़ा गया पर सोनिया जी ने उनके कमरे में जाकर आँखों में आँसू के साथ उन्हें राजनीति की हकीकत से रूबरू कराया कि ''राजनीति एक ज़हर है '' क्या गलत कहा उन्होंने ? जब देश के लिए जान कुर्बान करने वाले नेहरू -गाँधी को लांछित करने में विपक्ष नई नई साजिशें रचता रहता हो और जनता द्वारा चुनकर आने पर भी गाँधी परिवार के हर सदस्य पर वंशवाद का आरोप लगा दिया जाता हो तो ऐसी राजनीति को ज़हर कहना ही बेहतर है .जो भी हो राहुल जी ने चुनौती को आत्मविश्वास के साथ स्वीकार किया है .राहुल जी को उपाध्यक्ष बनाया जाना ''वंशवाद '' नहीं परिवार की देश -सेवा के प्रति कटिबद्धता का प्रत्यक्ष उदाहरण है .हर शहीद के बच्चे में जो देश सेवा का जूनून होता है वो राहुल जी में भी है .उनके इस ज़ज्बे को सलाम !
शिखा कौशिक 'नूतन'
4 टिप्पणियां:
बहुत सही बात कही है आपने .सार्थक अभिव्यक्ति कलम आज भी उन्हीं की जय बोलेगी ...... आप भी जाने कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में .......
सब लोगों की देखादेखी न करते हुए आपने अपना मूल विश्लेषण खुद किया, इसके लिये आपको साधुवाद! प्रधानमंत्री कोई भी बने, बस देश का भला हो, यही आशा है.
देश आंसुओं से नहीं IRON HAND से चलता है...
जय हिंद...
दर्द में दर्द की जुबान ..."अल्लाह"
कुछ सोंच कर तुम रो पड़े ,"सुब्हान -अल्लाह"
चलिए आगे की सुध लें ..............
गलतियों को दुहराने में नाकामयाबी है
पिछली बातों में उलझ जाने में नाकामयाबी है
आगे चलने वालों को पत्थर खुद पर सहना होगा
तुम राहुल हो "देश" को काम से अपने कहना होगा।
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