मैं हूँ बागी संगमा ....
विदेशी मूल के मुद्दे पर कॉंग्रेस से गया था भाग ;
फिर जुड़ा 'यू.पी.ए' से ...जिसकी सोनिया सरताज ,
पुत्री को मंत्री बना ....भोगा सत्ता राज ,
राष्ट्रपति पद के लिए फिर जली ह्रदय में आग ;
छोड़ पार्टी अपनी किया नया आगाज़ ,
'वोट मुझे देना सभी 'सुन आत्मा की आवाज़ ,
वैसे मेरी आत्मा मुझे छोड़ चुकी है आज ,
मैं हूँ बागी संगमा ..मुझे क्या नैतिकता से काज?
शिखा कौशिक
5 टिप्पणियां:
sangma jaise neta aaj ki rajneeti me keval kalank hi kahe ja sakte hain.sarthak prastuti.
हकीकत बयां कर दी आपने |
यही है आज की पोलिटिक्स |
बहुत सुन्दर |
सादर नमन ||
वाह ... बहुत खूब....बहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति है
आज का आगरा
सुन्दर प्रस्तुति |
बधाई स्वीकारें ||
सही मायने में आज की राजनीति को चित्रित करती रचना .....
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