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मंगलवार, 14 अगस्त 2012

शुक्रिया नवभारत टाइम्स -एक गलत परम्परा रोकने हेतु ''


शुक्रिया नवभारत  टाइम्स -एक  गलत परम्परा रोकने हेतु ''


कल  मैंने अपने पर श्री मलखान सिंह जी [दुनाली ]  द्वारा  प्रस्तुत  पोस्ट  -''  शिखा कौशिक का ब्लॉग साफ, शक RSS पर-मलखान सिंह''  
पर  'नवभारत  टाइम्स'  को  शिकायत  भेजी  थी  पर आज दिन  तक  जब  कुछ  नहीं हुआ तो मैंने मेल  किया  जिसका  जवाब इस प्रकार प्राप्त हुआ है -

''नमस्ते,
मेल भेजने के लिए शुक्रिया। हमने पाया है कि आपने ब्लॉग को दो बार आपत्तिजनक भी मार्क किया था लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई। मुझे इसके लिए अफसोस है। अब यह पोस्ट हटा दी गई है। हमने मलखान सिंह का ऑटो-पब्लिश का राइट भी वापस ले लिया है ताकि वे भविष्य में ऐसी पर्सनल पोस्ट न डाल सकें।

आगे से कभी ऐसा हो तो सीधे nbtonline@indiatimes.co.in पर लिखें।

संपादक, नवभारत टाइम्स ब्लॉग
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From: nutan sharma [mailto:nutansharma06@hotmail.com]

Sent: 14 August 2012 13:48

To: Nirendra Nagar

Subject:

शिखा कौशिक का ब्लॉग साफ, शक RSS पर-मलखान सिंह

mahody

upar varnit post dwara mere bare me galat prachar kiya jaa raha hai ise turant hatayen v lekhak ko dandit karen .yadi aap sheeghr karyvahi nahi karte hain tab mujhe kanooi karyvahi ke liye badhy hona hoga .

शिखा कौशिक''

.मलखान जी कोई  नए  ब्लोगर  नहीं हैं   .उनका  ब्लॉग  शालिनी  कौशिक जी ने  हमारे  ब्लॉग ''ये  ब्लॉग अच्छा  लगा ''पर 

रविवार, 31 जुलाई 2011

  लिया था .मैं और शालिनी जी उनके  ब्लॉग ''दुनाली ''के समर्थक  भी  थे  पर अब  ब्लॉग पर क्लिक  पर यह आता  है -
''लगता है आपको इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है. अगर आपको लगता है कि कोई गलती हुई है, तो आप ब्लॉग के लेखक से संपर्क कर एक आमंत्रण के लिए अनुरोध कर सकते हैं.आपने shikhakaushik666@hotmail.com के रूप में साइन इन किया है- किसी और खाते के साथ साइन इन करें''

 वे  हमें  हटा  दें  पर अब उन्हें और उनकी  मनोवर्ती  के प्रत्येक  ब्लोगर को समझ  लेना  चाहिए  की हर बात की   एक हद होती है .आशा  है मलखान भाई यह  समझ  जायेंगें  .उन्हें बधुत्व   का परिचय देते हुए अपने इस कृत्य के लिए अपने अंतर्मन  की  गहराई में उतरकर यह प्रश्न  स्वयं  से  पूछना  चाहिए की -''मैंने जो  किया था क्या वो सही था ?यदि  नहीं तो मुझे क्या हक़  था किसी  अन्य  ब्लोगर को मानसिक  कष्ट  देने का ? मेरी ओर  से उन्हें पूर्ण माफ़ी है क्योंकि  मैं मानती  हूँ कि गलती  इन्सान  से ही  होती  है .पर बंधु  आगे से ऐसा किसी के साथ मत करना .  आपकी   खोजी -खिल्ली उड़ाने वाली पत्रकारिता  किसी को अवसाद में ले  जा सकती  है .सही कदम  उठाने  हेतु ''नवभारत टाइम्स '' का फिर  से शुक्रिया  .
                                                                                             शिखा  कौशिक 

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