यह स्वागत योग्य है कि श्री राहुल गाँधी भारतीय राजनीति में एक बड़ी भूमिका के लिए तैयार हैं किन्तु बड़ी भूमिका के साथ साथ उन्हें अपनी कार्य शैली में भी बड़ा अंतर लाना होगा .पिछले दिनों श्री सलमान खुर्शीद द्वारा की गयी टिप्पणी को भी सकारात्मक नज़रिए से देखा जाना चाहिए .राहुल को अब जुगनू की भांति नहीं सूर्य की भांति चमकना होगा .उन्हें जनता के समक्ष निरंतर उपस्थित रहना होगा .यूं.पी. के चुनाव के बाद एक माह तक गायब रहना जनता में यह सन्देश प्रेषित करता है कि-'हमारा नेता गंभीरता के साथ हमारी समस्याओं के प्रति जागरूक नहीं है' -
'जुगनू नहीं तू आफ़ताब बन चमकना सीख
करनी है सियासत तो कुछ दांव-पेंच सीख '
राहुल जी को अपने व् अपने परिवार के खिलाफ लगाये जाने वाले आरोपों का भी खुलकर विरोध करना होगा क्योंकि उनकी चुप्पी को इस रूप में प्रसारित किया जाता है कि 'यदि ये आरोप निराधार हैं तो राहुल व् गाँधी परिवार इनका विरोध क्यों नहीं करता '-
दुश्मन लगाना चाह रहा दामन पर तेरे दाग
मायूस हो यूं चुप न बैठ पुरजोर आज चीख '
देश कि सभी प्रधान समस्याओं पर अपने नज़रिए से राहुल जी को चाहिए कि वे जनता को अवगत कराते रहे .ये न हो कि --भट्टा परसौल पर तो आप अपना विरोध दर्ज कराये पर दिल्ली पुलिस द्वारा रामलीला मैदान में आम जनता पर मध्य रात्रि में किये गए अत्याचार पर कुछ न कहें .आपको महगाई जैसे मुदों पर अपनी राय से जनता को अवगत कराना चाहिए ताकि जनता में यह सन्देश जाये कि 'हमारा प्रिय नेता हमारी समस्याओं के प्रति संवेदनशील है '-
'तू वतनपरस्त है कर मुल्क़ की ख़िदमत
मुफ़लिसी पर चोट कर ना मांगें कोई भीख '
राहुल जी को यह भी ध्यान रखना होगा कि 'वे एक राष्ट्रीय नेता हैं '.किसी भी प्रदेश के चुनावों में उन्हें स्वयं को झोंक देने की जरूरत नहीं है .उनका काम है राज्य के पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करना ,अनुशासित करना .उत्तर प्रदेश के हाल में हुए चुनावों में राहुल जी ने तो अपनी सारी ताकत झोक दी और प्रदेश के पार्टी नेता हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे जिसके कारण राहुल जी की छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया गया -
' मासूम रियाई की मक्कारियों से बच
कई खा चुके हैं धोखा इसकी गवाह तारीख़ '
राहुल जी को अपने आस पास चापलूसों,चाटुखोरों के जमावडे को भी रोकना होगा .उन्हें जनता के सीधे संपर्क में रहना होगा तभी आने वाले कल में वे पूरे भारत को कुशल नेतृत्व देने में सक्षम हो पायेंगें -
'अपने में ला सिफत सिफलों को दूर रख
तेरी फ़िरासत देखकर दुश्मन भी जाये रीझ '
शिखा कौशिक
1 टिप्पणी:
very good thoughts.....
मेरे ब्लॉग
जीवन विचार पर आपका हार्दिक स्वागत है।
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