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सोमवार, 20 अगस्त 2012

जन्मदिन मुबारक हो मेरे प्रिय ...मेरे पिता - आपका राहुल


जन्मदिन मुबारक हो  मेरे प्रिय   ...मेरे पिता  -       आपका राहुल 
    

 [निम्न  पंक्तियों  में एक  पुत्र  के ह्रदय की पीड़ा  को  उकेरने   का प्रयास  किया   है जिसने अपने पिता को 21 वर्ष   की आयु   में अकस्मात   ही खो   दिया  था  .वह अपने स्वर्गीय पिता के जन्मदिन पर कैसा अनुभव करता है ....बस यही लिखा है -

                                

मेरे प्रिय   ...मेरे पिता  
जन्मदिन  मुबारक  हो  आपको  
आपकी तस्वीर ह्रदय  के  समीप  लाकर  
फिर से कहता हूँ  
आप  बहुत  याद  आते  हो ..

रातभर करवटे  बदलता  रहा   
सुबह उठते   ही मन   में 
एक  हूक उठी    
पूछूं  भगवान्  से चीखकर 
क्यों छीन  लिया स्नेही पिता  को   
पर  चीख  न पाया लगा 
आप खड़े हैं पास में ही 
हमेशा  की तरह मुस्कुराते  हुए 

हर वर्ष  आपके   जन्मदिन   पर 
एक अजीब सा  खालीपन     
घेर लेता है मेरे ह्रदय को ;
महसूस करता हूँ  कई  दिन  पहले  से  
उदासी  और   एक शून्यता  ,

नहीं चाहता जाऊं कहीं इस  दिन 
दिखाने ज़माने   को 
कि  मैं अपने पिता को 
श्रद्धा  सुमन  समर्पित   
कर रहा हूँ क्योंकि 
मेरे ह्रदय में तो हर पल     
आप  और आपकी यादें  
बसी रहती हैं  
आप मुझसे दूर हो  ही  
कहाँ  ? 

मैं चाहता हूँ  एकांत इस दिन  
जहाँ  बस  मैं और  आप हो ,
मैं सारे  अनुभव  आपसे  साझा  करूँ  
जो आपके  जाने के बाद मुझे 
हुए हैं ,

मैं आज  के दिन 
माँ का  सामना भी नहीं कर सकता 
जानता  हूँ वे  रोयी  हैं 
रात भर आपको  याद  कर 
पर  मुस्कुराकर  मुझे बहलाने   की
नाकामयाब  कोशिश जरूर करेंगी  ,

सारा देश मनाता है आपका जन्मदिन 
माँ दिल पर पत्थर रखकर शामिल हो लेती 
हैं इन सब समारोहों में ;
पर मैं तो भावुक हो जाता हूँ आप� �� देखकर    
जिसमे आप मुस्कुरा रहे हैं ,
मैं नहीं रोक   पाता अपने आंसू 
बस असफल कोशिश करता  हूँ 
सब के बीच कितना अकेला 
महसूस करता   हूँ ,

मैं फिर से कहता हूँ 
आपकी तस्वीर ह्रदय के पास लाकर 
आप बहुत याद  आते  हैं 
मेरे A4�ेरे पिता  
जन्मदिन मुबारक हो आपको .

                                 आपका राहुल 



6 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

bhavuk kar gayi aapki prastuti.bahut bhavatmak prastuti.aabhar जनपद न्यायाधीश शामली : कैराना उपयुक्त स्थान

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुंदर !

एक शहीद पिता
एक पुत्र के लिये
गर्व भी होता है!

कमल कुमार सिंह (नारद ) ने कहा…

शिखा जी कविता बहुत अच्छी है , लेकिन राहुल खुद नहीं गया था राजीव जी के मजार पर ....

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बच्चे के मन के उद्गारों को शब्द दे दिये हैं आपने ... बहुत खूब ...

Rajesh Kumari ने कहा…

अपने मरहूम पिता के लिए एक पुत्र की भावनाओं का बहुत सुन्दर चित्रण किया है ...वाह

अज़ीज़ जौनपुरी ने कहा…



vehad sambedan sheel rachana