पिता के साथ धोखा मत कीजिये !
परसों ''बागपत'' जिले में अदालत द्वारा एक पिता व् भाई को ऑनर किलिंग के अपराध में फांसी की सजा सुनाई गयी .अख़बार में आये फोटो को देखिये पिता इतना कमजोर दिखाई दे रहा व् आँखों में इतनी तड़प है कि जैसे पूछ रहा हो कि-अब और कितनी फांसी पर चढूँगा ?
पिछले वर्ष भी हमारे जिले में एक प्रेमी युगल घर से फरार हो गए थे .पुलिस ने दो लाशों की शिनाख्त उन दोनों के रूप में कर भी दी थी .क़त्ल के आरोप में लड़की के पिता-भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और १४-१५ वर्षीय भाई ने पुलिस के समक्ष यह स्वीकार कर लिया कि उसने ही ये क़त्ल किये हैं .कहानी में मोड़ तब आया जब फरार प्रेमी युगल जिन्दा वापस लौट आये .पुलिस के पास इस बात का जवाब नहीं था कि यदि ये दोनों जिन्दा हैं तो वे लाशें किसकी थी ?बाद में लड़के के घर वालों ने लड़की को स्वीकार कर लिया और उसके गर्भ में पल रहे शिशु को भी .ये तो इस कहानी का सुखद अंत हो गया पर उस लड़की ने पिता के विश्वास को जिस तरह तोडा है कम से कम मैं तो उससे कभी सहमत नहीं हो सकती .वह लड़की घर से बाहर अपनी मौसी के यहाँ रहकर कोई प्रिओफैनल कोर्स कर रही थी .जब हमारे माता-पिता इस पुरुष प्रधान समाज में भी हमें यह मौका देते है कि हम आर्थिक रूप से सक्षम बन सकें तब हमारा भी यह कर्तव्य है कि हम घर से बाहर रहकर भी अपने माता पिता की इच्छाओं का ध्यान रक्खे .मेरी जानकारी की एक अति विदुषी महिला प्रवक्ता हैं .वे बताती हैं कि उनकी रुचि विज्ञानं विषय में थी किन्तु इसके लिए को .एड .कॉलिज में प्रवेश लेना पड़ता .जिस समय उनके प्रवेश लेने की बात थी तभी एक लड़की किसी कॉलिज के लड़के के साथ घर से भाग गयी और उनके पिता ने इस डर से कि कंही हमारे साथ भी ये हादसा न हो जाये उनका उस कॉलिज में प्रवेश नहीं कराया .असंयमित ऐसी लडकिया यह नहीं सोच पाती कि उनके एक गलत कदम से कितनी लड़कियों का भविष्य फिर से चौखट के भीतर धकेल दिया जाता है .ऊपर जिस घटना का जिक्र मैंने किया है उसमे बाद में यह बात भी सामने आई कि लड़की के पिता ने उसके इस कदम से शर्मिंदा होकर जहर खा लिया था इसी कारण छोटे भाई ने क़त्ल का आरोप अपने पर लेकर अपने पिता को पुलिस के उत्पीडन से बचाने का प्रयास किया था .मैं केवल इतना कहना चाहूंगी ऐसी लड़कियों से कि जब आप ऐसे कदम उठाती हैं तब एक बार अपने पिता के बारे में सोचिये जिसने आपको सब कुछ दिया पर आप केवल अपने स्वार्थ में अंधी होकर उनकी भावनाओं से धोखा कर जाती है .
शिखा कौशिक
6 टिप्पणियां:
आपकी राय से पूरी तरह से सहमत हूँ और ये ध्यान तो लड़कियों को रखना ही होगा ताकि उनका जीवन भी खुशहाल रहे और उनके बाद आने वाली पीढ़ियों की भी.बहुत सार्थक प्रस्तुति .श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आपको बहुत बहुत शुभकामनायें . ऑनर किलिंग:सजा-ए-मौत की दरकार नहीं
गहन चिंतन!!
मार्मिक |
समाज को समय के साथ न चलने की कीमत अदा करनी ही होती है कभी बच्चों की शक़्ल में तो कभी अभिभावकों के रूप में
बिलकुल सही विचार..ना सिर्फ लड़कियों के लिए बल्कि लड़कों के लिए भी.
बिलकुल सही विचार..ना सिर्फ लड़कियों के लिए बल्कि लड़कों के लिए भी.
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