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बुधवार, 20 नवंबर 2013

चायवाले और मोदी -लघु कथा


'चच्चा ये रक्खो अपने चाय की प्यालियाँ . इब मैं नहीं जाउंगा चाय लेकर आस-पास की दुकानों पर चाय पहुँचाने ........जी चाहता है उस लीडर के बाल नोंच लूं ...मजाक बनाकर रख दिया हम चायवालों का !!!'' बारह वर्षीय बालक रहमत चाय के पानी की तरह उबलते हुए बोला तो उसका उस्ताद सुक्खू ठन्डे दूध की तरह समझाता हुआ बोला -'' बेट्टा इत्ता न गरमावे ...दो चार दिन बक लेन दें ....सब जानें हैं उस साहेब को ..कौन इब चाय बनाकर बेच्चे है ...और ये बता ..के कहवे है कोई ?'' सुक्खू के पूछने पर रहमत दांत पीसता हुआ बोला -'' के बताऊँ उस्ताद ..किस - किसका नाम लूं .मुझे चाय लेकर जाते देख एक कहे -''लो आ गया लोकल मोदी '' और एक कहे -''कहाँ रह गया अबे इत्ती देर लगा दी तैने मोदी ..कोबरा पोस्ट देखन बैठ गया था क्या ? '' वो कूने पे जिसकी दुकान है वो कहे '' चुप रहो भाई कही हम पर भी सर्विलांस न लगवा दे '' फेर सब मिलके हँसे हैं हमपर... चच्चा सच में बदनाम करके डाल दिया इस मोदी ने चाय वालों को ...कहीं का न छोड़ा .'' ये कहकर रहमत ने झूठी प्यालियाँ उठाई और धोने के लिए सड़क के नल के पास चल दिया .
शिखा कौशिक 'नूतन'

शुक्रवार, 15 नवंबर 2013

गांधी परिवार चौका या छक्का नहीं !


श्री नरेंद्र मोदी जिस दिन से राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हुए हैं उस दिन से उनका ध्यान केवल गांधी परिवार के खिलाफ ज़हर उगलने में लगा हुआ है जैसे उनके समर्थक ''मोदी बनाम गांधी परिवार क्रिकेट मैच'' देखने बैठे हो और मोदी जी गांधी परिवार के खिलाफ जहरीले बयान रुपी चौके-छक्के लगा कर तालियां बटोर रहे हो .गांधी परिवार के खिलाफ ज़हर उगलने वाले सुब्रमण्यम स्वामी से नबर वन का स्थान छीनने में लगे मोदी जी शालीनता की सीमायें पार कर गांधी परिवार की प्रतिष्ठा को कोई नुकसान पहुंचा पाएं या नहीं पर अपनी विकास-पुरुष की छवि को उन्होंने धुल-धूसरित कर डाला है .केंद्र से भेजे गए धन के लिए यदि राहुल जी ये कहते हैं कि ''हमने धन भेजा राज्य को '' तो क्या गलत है ? मोदी जी भी शान से कहते हैं ''हमने गुजरात का ये विकास कर दिया -वो विकास कर दिया''-क्या उन्होंने अपने चाचा जी के धन से ये विकास कर दिया या उनके ताऊ जी ने अपनी मेहनत से ये विकास कर दिया .मेहनत और धन दोनों भारतीय जनता के हैं ''भारतीय जनता पार्टी '' के नहीं . किसी समय प्रमोद महाजन भी गन्दी भाषा का इस्तेमाल कर गांधी परिवार को जनता की नज़रों में गिराने का प्रयास कर चुके हैं पर आज उनका तो नामों निशान भी नहीं और उनके शहजादे राहुल महाजन क्या-क्या गुल खिला रहे हैं ये सब को मालूम हैं .साफ़ है राहुल गांधी जी के हर शब्द को पकड़कर एक तूफ़ान उठाने वाले मोदी जी अपनी ही गरिमा के साथ गन्दा खेल खेल रहे हैं और सबसे ज्यादा अपना ही नुकसान कर रहे हैं .
शिखा कौशिक 'नूतन'

शुक्रवार, 27 सितंबर 2013

ये मामला केवल फेसबुक तक सीमित नहीं

27-9-13 को यह फोटो फेसबुक पर देखा था 
फेसबुक पर यह पढ़ा-




Vishal Haloli Congress



इस लड़की का नाम है सुष्मिता।



इसने फेसबुक पर फोटो अपलोड किया था।

किसी लड़के ने इसका फोटो सेव करके गूगल में

इसका प्रोफाइल दाल कर कॉल गर्ल की लिस्ट में डाल

दिया।

ये लड़की बहुत अच्छे परिवार की थी।

उस लड़के ने पूरे शहर में फैला दिया की ये एक कॉल

गर्ल है।

जब उस लड़की और उसके परिवार को पता चला तो पूरे

परिवार ने सामूहिक आत्महत्या कर ली।

दोस्तों ये है फेसबुक की दुनिया।

अब आप ही बताएं इसका क्या उपाय

किया जा सकता है?

सभी बहनों से हाथ जोड़ कर नम्र निवेदन है

की कृप्या अपनी फोटो फेसबुक से त्वरित हटायें।



पहले बहुत दुःख हुआ पर फिर गुस्सा आया .सुष्मिता के परिवार ने गलत कदम उठाया .ये मामला केवल फेसबुक तक सीमित नहीं है .आज तक हजारों लड़कियों ने बदनामी के डर से आत्महत्या कर डाली है पर हमारा समाज नहीं सुधरा .अब जरूरत है ऐसे गंदे लोगों का सामना डट कर करने का .गलत जानकारी देकर तो कोई भी ,कहीं से किसी भी महिला के फोटो को अपलोड कर बदमान कर सकता है ...पर इसका मतलब ये तो नहीं कि आत्महत्या कर ऐसे अपराधियों को बढ़ावा दिया जाये .जिसने ऐसा गन्दा काम किया है उसे पूरे समाज व् देश के सामने लाकर उसको उचित दंड दिलाना ही सही रास्ता है .



शिखा कौशिक 'नूतन '

शनिवार, 14 सितंबर 2013

मुज़फ्फरनगर दंगे -गुनाहगार हम सभी हैं !

मुज़फ्फरनगर दंगों के कारण कर्फ्यू लगा एक महिला का प्रसव घर में ही कराना पड़ा जिसके कारण बच्चे को जन्म देते ही माँ चल बसी.क्या उस बच्चे से उसकी जननी को जुदा करने के गुनाहगार हम सब नहीं है !

हजारों लोग अपने घर से बेघर हो गए .उनके घरों में लगी आग के लिए क्या हम सब गुनाहगार नहीं हैं ?

दहशत का माहौल .आपसी विश्वास ध्वस्त .क्या इसके लिए गुनाहगार हम नहीं हैं ?

मासूमों की आँखों में आंसू ,अपनों का खून .क्या इसके गुनाहगार हम नहीं हैं ?

एक-दो मिसाल से कुछ नहीं होगा हम सभी को मिसाल बनना होगा .आइये इन्सान बने !!

शिखा कौशिक ‘नूतन’

शुक्रवार, 6 सितंबर 2013

सोशल मीडिया का दुरूपयोग अपनी चरम सीमा पर

सोशल  मीडिया का दुरूपयोग अपनी चरम सीमा पर  है  . न  यूजर  अपनी  मर्यादा  में  हैं  और  न  ही  उसकी  भद्दी  पोस्ट पर कमेन्ट करने वाले .देश के माननीय व्यक्तियों तक को नहीं छोड़ा जा रहा है तब आम आदमी की क्या बिसात ?

Diwakar Dayal
Diwakar Dayal's photo.



Ishan Singh Hindustani बात को तोड़ कर अर्थ का अनर्थ बनाना 

कोई तुम जैसे भाँड और खान'ग्रेसी बिकाउ चैनल से सीखे

Ishan Singh Hindustani's photo.Bhavesh Chaudhary हाक थू...




Sonia Gaxdhi

Sonia Gaxdhi

@SoniGaxdhi

President of the Indian Notional Kangroes & they know it. However, any connection with the real thing is absolutely imaginary.
10, Ghor Anarth, Delhi.


DrYumYumSingh

DrYumYumSingh

@DrYmYmSingh

Running Again Singh is back!
Cuckoo-land

supporters visibly angry after learning that the 5th lifeline in KBC is called "Paplu".They want it to be changed it to "Pappu

ये झलकियाँ काफी हैं या ........?
शिखा कौशिक 'नूतन '

गुरुवार, 8 अगस्त 2013

हरियाली तीज -''ईद मुबारक ''-की हार्दिक शुभकामनायें

हरियाली तीज -''ईद मुबारक ''-की हार्दिक   शुभकामनायें 



ईद का दिन  आ  गया   हो मुबारक आपको ,
नेकी बढे दिल में सभी  के  हो मुबारक आपको 
बरकत लिए आये ख़ुशी घर  में आज आपके 
हर साल आये ईद का दिन  हो मुबारक आपको !





 परिचय -

हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तीसरी  तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व  भारतीय  महिलाओं का विशेष त्यौहार है .यह भारत  में राजस्थान ,उत्तर प्रदेश और बिहार में विशेष रूप से  मनाया जाता है .इस दिन उपवास व् घेवर की मिठाई दोनों का विधान है.ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से माता पार्वती की कृपा से कुवारी कन्या  को  मनचाहा  वर प्राप्त होता है और सुहागन नारियों   का सुहाग अमर रहता है . मेहँदी रचाए व् नवीन वस्त्रों को धारण करें भारतीय  नारियों की शोभा देखते ही बनती है .झूलों व् हरियाली गीतों से   इस त्यौहार की रौनक  और  भी  बढ़   जाती  है .सभी भारतीय महिलाओं को ''हरियाली तीज '' की हार्दिक   शुभकामनायें .साथ  ही सभी ब्लोगर बंधुओं व्   बहनों को ''ईद मुबारक ''!  

                  शिखा   कौशिक   'नूतन '


                      

शुक्रवार, 26 जुलाई 2013

भारतीय मीडिया इतना दकियानूसी क्यों है ?

            Priyanka Gandhi Wedding Photos  

 भारतीय मीडिया आज अपने को कितना ही आधुनिक प्रदर्शित करने का ढोंग रचे पर उसके व्यवहार से  पितृ -सत्तात्मक  समाज की सड़ी-गली सोच के दर्शन होते ही रहते है  . किसी भी चर्चित महिला के विवाह करते ही उसे पति के सरनेम से विभूषित करने में हमारा मीडिया चूकता नहीं है . वो प्रियंका गाँधी को विवाह से पूर्व ही प्रियंका वाड्रा लिखकर अपने अपडेट होने का प्रमाण प्रस्तुत करता है तो ऐश्वर्या राय को ऐश्वर्या राय बच्चन लिखने में गर्व महसूस करता है . आखिर हमारे मीडिया को इतना दकियानूसी होने की क्या जरूरत है ? ये और अन्य सभी चर्चित महिलाओं का अपना वजूद है ..अपने नाम से पहचान है फिर विवाह होते ही पति के कुल का सरनेम का पट्टा पहनाने को हमारा मीडिया क्यों इतना उत्सुक रहता है .ये समझ से परे है . ....और हां सैफ व् करीना के मामले में तो ये इतना बढ़ गया की दोनों का नाम ही मिलाकर ''सैफीना ''  कर दिया ...वाह भाई वाह ...भारतीय मीडिया !!! देखिये कमाल -



Priyanka Gandhi Marriage Photos - TimePass69.Com

Priyanka Vadra - Wikipedia, the free encyclopedia

Aishwarya Rai Pictures : Aishwarya Rai : Free Download ...

Aishwarya Rai Bachchan Photos, Download Aishwarya Rai - 

क्या वास्तव  में इस सब की कोई जरूरत है ?

शिखा कौशिक 'नूतन' 

शनिवार, 13 जुलाई 2013

रोज़े रखकर क्या करे जब अल्लाह में ना ध्यान ?

Religious_symbols : Bird
लाउडस्पीकर  लगाये  के मुल्ला देत  अज़ान 

लाउडस्पीकर  लगाये  के मुल्ला देत  अज़ान  ,
चिंतन  में बाधा  पड़े  अल्लाह  है परेशान  !

करें  जागरण  माता  का डी.जे. तेज  बजा ,
मैय्या मंडप आई हैं ऊँगली कान लगा !

पर्यटन स्थल बन गए सारे तीरथ धाम     ,
मुक्ति स्थल पर भला क्या हनीमून का काम   ?

नेता अपना  हो गया चौबीस   कैरेट  सच्चा ,
खुद तो सच्चा देशभक्त जनता कुत्ते का बच्चा !

खरीदारी करते फिरें माह आया रमज़ान  ,
रोज़े रखकर क्या करे जब अल्लाह में ना ध्यान  ?

शिखा  कौशिक  'नूतन  '




बुधवार, 10 जुलाई 2013

हर तरफ मोदी का जलवा ?

हर तरफ  मोदी  का  जलवा  ?
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एक दृश्य - दो छात्राएं कॉलेज से लौट रही थी .एक लड़का उनका पीछा करने लगा .एक छात्रा दूसरी से कहती है -बदतमीज़ कहीं का !पीछे ही पड़ गया नरेन्द्र मोदी की तरह एक ये और एक मोदी पीछे ही पड़ गया पूरे देश के,  प्रधानमत्री बना दो जी !

narendra modi bjp hd wallpapers.jpg

दृश्य दो -बेटा बाप से -पिता जी चलो यहाँ गाँव का मकान बेंचकर शहर चले जब नरेन्द्र मोदी गुजरात का मोह छोड़कर पूरे भारत में अपनी राजनीति चमका सकता है तब हम शहर जाने का रिस्क क्यूँ नहीं ले सकते ?

narendra modi wallpaper hd

दृश्य तीन - चेले गुरुदेव से -गुरुदेव अब आप केवल भजन करो आश्रम की  अन्य सब व्यवस्थाएं हम देख लेंगें .जब नरेन्द्र मोदी आडवाणी जी को एक तरफ हाशिये पर खड़ा कर सकता है तब आप क्या चीज़ हैं गुरुदेव ?

narendra modi standing hd images.jpg

दृश्य चार -माँ  बच्चे  से -सो  जा  वरना  नरेन्द्र  मोदी आ  जायेगा  !
बच्चा  -पर पहले तो आप गब्बर के नाम से डराती थी  अम्मी !
माँ  -चुप कर तब  ये मोदी केवल गुजरात में रहता था अब सारे भारत में घूमता है !

narendra modi speech hd postures.jpg

दृश्य पांच -बॉस कर्मचारी से -ये काम पूरा  क्यूँ  नहीं  हुआ  ?
कर्मचारी -एक को  भेजा  है आंकड़े इकट्ठे करने  .उसके  आते  ही  पूरा  हो जायेगा सर  !
बॉस-वाह बेटा  ! तू तो हो गया नरेन्द्र मोदी और वो तेरा 'एक' हो गया अमित शाह जब वो लायेगा आंकड़े तब चुनाव की नीति निर्धारण होगा !

narendra modi style  hd wallpapers.jpg 

दृश्य छह-बेटी की माँ बेटी के बाप -अजी सुनते हो ...ठीक से देख लेना लड़का ..कंही नरेंद्र मोदी की पत्नी की तरह हमारी छोरी भी उम्र भर बस अपने पति का इंतजार ही करती न रह जाये !

बस और जलवे रहने ही  दे मोदी जी !

         शिखा कौशिक 'नूतन'

रविवार, 7 जुलाई 2013

हास्य गीत -मैडम दारूवाला

हास्य गीत -मैडम  दारूवाला

वैधानिक चेतावनी -ये पोस्ट शुद्ध हास्य से पूर्ण है इससे ऐसे ही भाव से लें 

इस गीत को लिखने की प्रेरणा रोज़ी  दारूवाला जी के व्यक्तित्व से ही मिली है जरा देंखें उनकी टिप्पणी -

 rosy daruwala ने कहा…
सोशल साइट्स ही क्या, आज तो हालत इतनी बदतर होगई है कि घरेलु महिलायें घर में और कामकाजी महिलाएं अपने ऑफिस में भी महफूज़ नहीं हैं . लोग केवल मज़ा लेने के लिए हमारा मखौल उड़ाते हैं ..ये किसी एक महिला का नहीं, वरन पूरे स्त्री समुदाय का अपमान और अपरोक्ष शोषण है .लेकिन इसके विरुद्ध कोई कार्रवाही सरकार कर पाएगी, इसका भरोसा मुझे तो नहीं, मेरे ख्याल में तो अब नारी को ही डंडा उठाना पड़ेगा ........

मैं तोइस मामले में सजग रहती हूँ . एक का चार सुनाती हूँ और ऐसा सुनाती हूँ कि दोबारा किसी की हिम्मत नहीं होती मुझे छेड़ने की ...........अगर ठीक से याद करूँ तो अब तक कम से कम दस की तो पिटाई कर चुकी हूँ . आप भी ये कर के देखिये, परिणाम अच्छा आएगा . यहाँ कलम चला कर कुछ होने वाला नहीं, हाथ चलाना सीखो ...........

क्षमा करना .कुछ बुरा लगे तो मैं अपने शब्द वापिस ले लेती हूँ

रोज़ी

4 जुलाई 2013 2:02 pm









Cute cartoon Fashion girl in stylish clothes, glasses and modern bag Stock Photo - 14399920
हास्य गीत -मैडम  दारूवाला 


ओ मैडम दारूवाला  !ओ मैडम दारूवाला !
तूने जादू कर डाला तूने जादू कर डाला !
तू लगती हंटरवाली तू लगती नाज़ुक बाला !

जो तेरे पीछे आता उसके पीछे पड़ जाती ,
सैंडिल से है धमकती कभी डंडे खूब लगाती ,
गुंडों की गुंडागर्दी को चुटकी में धो डाला !
ओ मैडम दारूवाला  !ओ मैडम दारूवाला !

जो पति  करे  कुछ  टेढ़ा  उसको  सीधा  कर देती  ,
बेले  है जिससे  रोटी  बेलन  सिर  पर  धर  देती  ,
तेरे आगे लग जाता उनके मुंह पर ताला !
ओ मैडम दारूवाला  !ओ मैडम दारूवाला !

है तेजधार की बुद्धि बहस में रहती आगे ,
स्पीड तेज़ चिंतन की आगे आगे भागे ,
तू मॉडर्न युग की नारी तेरा ही बोलबाला !
ओ मैडम दारूवाला  !ओ मैडम दारूवाला !


शिखा कौशिक 'नूतन' 

गुरुवार, 4 जुलाई 2013

सोशल साइट्स पर महिलाओं के साथ वैचारिक बलात्कार


ये एक सच्चाई है भले ही कडवी क्यों न हो ! फेसबुक से लेकर ट्विटर तक हर सोशल साईट पर महिलाओं को अभद्र टिप्पणियों  का  सामना  करना  पड़  रहा  है .अलका  जी  ने  अपनी  ट्वीट  के   माध्यम  से ये ही मुद्दा  उठाया  है .सोशल साइट्स को यूँ तो पढ़े-लिखे लोगों का मंच माना जा सकता है पर यहाँ पर महिलाओं को शर्मिदा करने वाले पुरुष वर्ग की टिप्पणियों से ऐसा लगता है कि वे अपनी अहमवादी सोच को भी यहाँ साथ लेकर बैठे हैं .फेसबुक पर लड़कियों को कितने हल्के में लिया जाता है इससे कोई भी अनजान है .कुछ पुरुष फर्जी लड़की नाम से अकाउंट खोलकर मज़े लेने का काम करते हैं और लड़कियों की छवि मजे लेने वाली वस्तु की बना डालते हैं .महिला केवल मनोरंजन का साधन  है -ऐसी सोच रखने वाले कितनी गन्दी टिप्पणियां करते हैं इसका मुझे स्वयं अंदाजा है .''नवभारत टाइम्स '' पर मेरी ब्लॉग पोस्ट्स पर आने वाली अभद्र टिप्पणियों के कारण ही मैंने पिछले वर्ष अपनी १६० पोस्ट रात में जागकर एक घंटे में डिलीट कर डाली थी और तब से अब तक 'नवभारत टाइम्स ' की वेबसाईट पर बने अपने ब्लॉग पर मैं नहीं गयी .

Alka Lamba
Kuchh Twts Us Baltkario ki tarha hote hey,Jinki Mansikta Rape hone yani twt padne key baad hi pata chalti hey,No way2escape,Jst Killed,BLCKD

पर क्या महिलाओं को घबरा जाना चाहिए इससे ? नहीं .मैंने भी यही विचार रखे और क्या और ने भी -
woh toh hai par inko Roka ja saktA hai, complaint file kijiye

I THINK YOU'R RIGHT BUT WE HAVE TO FACE NOT NEGLECT

पर अलका जी इससे सहमत नहीं हैं -

can u face these Rapists or vulgar & abusive twts ? Sorry I can't .. I will prefer to block them than to face such cheep chepus

लेकिन एक मजबूत राजनैतिक पार्टी से सम्बद्ध योग्य कार्यकर्त्ता अलका जी को तो ऐसे मुद्दों पर आगे बढ़कर काम करना ही चाहिए -
as a public figure this is your responsibility to take strong action against these type twts .if you can't this is not good .


महिलाओं के साथ ऐसा वैचारिक बलात्कार इन सोशल साइट्स पर बंद होना ही चाहिए .सरकार को आवश्यक कदम उठाते हुए सोशल साइट्स को महिलाओं के खिलाफ शोषण का हथियार बनने से रोकना ही चाहिए !आपकी क्या राय है ? शिखा कौशिक 'नूतन'

सोमवार, 24 जून 2013

ख़ुशी मानते आपको तनिक शर्म न आई



क्रिकेट में जीत को लेकर ढोल बजाते लोगों  को देखकर  लगा  ये भारत के नहीं हो  सकते  .जहाँ अपने इतने बहन-भाई विपदा के शिकार हुए हैं ...उस भारत के नागरिक एक खेल में जीत को लेकर इतना तमाशा करें तो यही भाव मन में आते हैं -

BCCI announces cash prize of Rs one crore each to players

ख़ुशी  मनाते    आपको   तनिक  शर्म  न  आई  ,
 क्या पता नहीं है आपको   देश में विपदा आई  ?

एक  खेल की जीत पर एक एक को एक करोड़ ,
यहाँ जान की बाज़ी पर कौड़ी की भी न होड़ !

एक विकेट गिर जाने का गिनो खिलाडी मोल ,
अपनी सेना बचा रही भारत के जन अनमोल !

असली विजेता सैनिक हैं खतरनाक है खेल ,
जान बचाने   के लिए सब कुछ रहे हैं झेल !

छक्के चौका का नहीं ये काम बड़ा मुश्किल ,
केवल सैनिक दे सकते हैं देश को अपना दिल !
Himalyan Tsunami: We salute Indian Army for rescue efforts!

जय हिन्द ! जय हिन्द के जवान !


शिखा कौशिक 'नूतन'

रविवार, 23 जून 2013

क्यों रख रहा है मुसलमान हिन्दू नाम ?

Hindu Muslim Unity - IMG0118A.jpg
DR. ANWER JAMAL - Hindu Muslim Unity - My Opera

आपको  याद  होगा शाहरुख़ खान का वो बयान जिसमे उन्होंने ये कहा था कि भारत में एक मुस्लिम के रूप में उन्हें अलग नज़र से देखा जाता है .इसीलिए उन्होंने अपने बच्चों के नाम भी हिन्दू रखे हैं .बहरहाल   वो ये बताना  भूल गए कि उनकी पत्नी एक हिन्दू है और  शायद बच्चों के नाम उन्होंने ही रखें हो पर ये एक हकीकत है कि आज का भारतीय मुस्लमान अपने बच्चों के नाम या उपनाम हिन्दू रख रहा है . 

                        हमारे यहाँ कुछ वर्ष पहले एक राज मिस्त्री ने  काम किया .उसका नाम सब पप्पू कहते  .हम सब उसे हिन्दू समझते रहे बाद में पता चला वो मुस्लिम था .इसी तरह एक   और राज मिस्त्री का नाम है -डीजल [ये भी मुस्लिम है ] .हमारे घर के सामने एक घर बन रहा है उसमे काम करने वाले एक मजदूर का नाम है सोनू [ये भी मुस्लिम है] .यहाँ ये तर्क देना की  किसी नाम पर किसी धर्म विशेष का अधिकार नहीं व्यर्थ है क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि हिन्दू अपने बच्चों के नाम हिंदी या संस्कृत भाषा के शब्दों पर रखते हैं और मुस्लिम उर्दू -अरबी भाषा के शब्दों पर .

                            इस तथ्य से तो सब परिचित हैं ही कि फिल्मों में सफल होने के लिए कई अभिनेताओं-अभिनेत्रियों  ने हिन्दू नामों का सहरा लिया जैसे दिलीप कुमार [युसूफ ] अजीत , मधुबाला ,मीना कुमारी आदि पर वहां कारण अलग था .मुस्लिम समाज में फिल्मों को देखने पर कड़ी पाबन्दी थी इसलिए फिल्मों के दर्शक हिन्दू ही ज्यादा थे पर आज मुस्लिम समाज में हिन्दू नाम रखने की  बढती प्रवर्ति उनमे असुरक्षा के भाव को दर्शाता है .क्यों भयभीत हैं हिंदुस्तान के मुस्लिम ? मैं एक हिन्दू के तौर पर कह सकती हूँ कि हमारे मन में मुस्लिम समाज को लेकर कोई पूर्वाग्रह नहीं .हिन्दू-मुस्लिम मिलकर ही हमारा भारतीय समाज पूरा होता है .हिंदुस्तान हिन्दुओं के साथ साथ मुस्लिमों   का भी है .देश की  रक्षा व् विकास में दोनों सामान रूप से भागीदार हैं फिर किस बात का डर है हमारे मुस्लिम समाज को ?

       जहाँ तक मैं मानती हूँ ये भय -ये डर पडोसी देश में बैठे कट्टरपंथी बाशिंदे हमारे मुस्लिम भाइयों के दिल में पैदा कर रहे हैं .वे न तो पाकिस्तान में हिन्दुओं को सुकून से रहना देना कहते हैं और न हिंदुस्तान में मुसलमानों को .हमारे भारतीय मुस्लिम भाइयों को चाहिए कि वे इनके बहकावे में न आये .हिंदुस्तान मुस्लिमों के लिए सबसे सुरक्षित मुल्क है और रहेगा क्योंकि यहाँ हम न हिन्दू हैं ...न मुस्लिम हैं ...हम केवल भारतीय हैं .
     मैं मुस्लिम समाज से अपील करूंगी कि वे बेखटके अपने बच्चों के नाम अरबी-उर्दू के शब्दों में रखें .आप हिंदुस्तान की  शान है क्योंकि आप ही तो अब्दुल कलाम है ..आप ही हामिद अंसारी साहब हैं और आप ही सलमान खुर्शीद  हैं .अब तो अभिनेता भी अपने नाम सलमान ,शाहरुख़ व् आमिर रखकर ही फिल्म जगत में सफलता पा रहें हैं और इनके फेंस में हिन्दू जनता भी है तब कैसा डर ?

शिखा कौशिक 'नूतन '

शुक्रवार, 21 जून 2013

टूट गयी आस्था डोला अटल विश्वास

केदार नाथ में जिन भक्तों को प्रकृति के कोप का भाजन बनना पड़ा उनको शत शत श्रद्धांजलि !
   

केदारनाथ में भक्तों के साथ प्रभु ने ये कैसा खेल खेला ? भगवान के दर्शन को गए भक्तोंके साथ ऐसा होगा तो ये ही भाव मन में उभरेंगें - 

तड़प तड़प के भक्त जब त्याग देता प्राण ,
कैसे कहूँ प्रभु तुम्हें करुणा के हो निधान ?

सौप कर जीवन तुम्हें सद्कर्म जो करता रहे ,
उसको भी कष्ट देने का अजब तेरा विधान !

पूजता रहे तुम्हें कष्ट सहकर भी सदा ,
उसकी पुकार भी देते नहीं हो ध्यान !

सहता रहा दुःख ताप सब भक्ति में तेरा भक्त ,
रखा नहीं तुमने प्रभु श्रद्धा का कोई मान !

टूट गयी आस्था डोला अटल विश्वास ,
लगता है सच होता नहीं कोई कहीं भगवान !



शिखा कौशिक 'नूतन'

मंगलवार, 18 जून 2013

राहुल जी के जन्म दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें

Photo: HAPPY BIRTHDAY RAHUL JI. 43 ON 19TH JUNE;
https://www.facebook.com/events/164634627041214/

[with thanks -RAHUL GANDHI WITH A VISION FOR COMMON PEOPLE's photo.]  

महात्मा गाँधी जी के पदचिन्हों   का अनुसरण कर देश के हर कोने तक की यात्रा , जनता से सीधा संवाद ,उनकी समस्याओं को जानने का सच्चा प्रयास और मस्तिष्क में निरंतर वर्तमान राजनैतिक ढांचे को बदलने के विचारों का आवागमन -सन २००४ से श्री राहुल गाँधी जी का जीवन इन सब कार्यों को ही समर्पित रहा है .


[with thanks -RAHUL GANDHI WITH A VISION FOR COMMON PEOPLE's photo.]  
  कम बोलते हैं पर सच बोलते हैं .मीडिया में छा जाने का कोई आकर्षण नहीं .मीडिया से  दूर  भारतीय  जन -जीवन  की समस्याओं  को  समझकर  उन्हें  अंतिम  रूप से समाप्त करने के लिए सतत प्रयासरत युवा  नेता राहुल  जी  भले  ही  विपक्षियों  की कटु  आलोचना  का शिकार बनते रहते हो पर अपनी कार्य शैली में बदलाव उन्हें  मंज़ूर   नहीं .पद प्राप्ति की कोई कामना नहीं .
                                           लक्ष्य-देश सेवा माध्यम-राजनीति
युवराज ,राहुल बाबा ,अमूल बेबी ,बुद्धू और भी न जाने कितने व्यंग्यात्मक  व् अपमानजनक उद्बोधनों से राहुल जी को नीचा दिखाने का प्रयास विपक्षियों द्वारा किया गया ..यहाँ तक कि उन पर दुष्कर्म करने का झूठा आरोप तक लगाया गया जो अंतिम रूप से कोर्ट द्वारा झूठा करार दिया गया .विपक्षियों ने राहुल जी के इरादों में फौलाद की ताकत भर दी ...जितनी चोट मारी गयी राहुल जी उतने ही मजबूत हुए .चौदह वर्ष की किशोर वय में दादी की नृशंस हत्या व् इक्कीस वर्ष की युवा वय में प्रिय पिता की दर्दनाक हत्या झेल चुके राहुल जी के दिल व् दिमाग ने जब देश -सेवा के लिए स्वयं को समर्पित किया तब राहुल जी ने साफ़ तौर पर माना कि उन्हें राजनीति में यह स्थान विरासत में मिला है पर राहुल जी ने अपनी कर्मठता से इस विरासत में मिली प्रतिष्ठा को और भी ऊँचा उठाया .
               आज वे विचार  रखते हैं कि सिस्टम को बदले बिना भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को सुलझाया नहीं जा सकता .उनका मानना है कि सत्ता एक हाथ में न रहकर उसका विकेंद्रीकरण होना चाहिए .वे ईमानदार युवाओं से आह्वान करते हैं देश सेवा हेतु राजनीति में आने का .उनका नजरिया साफ है -वे विपक्ष की   भांति देशवासियों से किसी प्रतिमा के लिए लोहा नहीं मांगते ...वे विचारों में फौलाद की ताकत चाहते हैं .यदि प्रधान मंत्री पद के प्रति उनकी कोई लालसा नहीं है और वे संगठन को मजबूत करने में ज्यादा रुचि लेते हैं तो इसे उनकी अयोग्यता के रूप में प्रचारित करने वाले विपक्षियों को खुली छूट है कि वे आडवानी जी व् मोदी जी जैसे सत्ता लोलुप नेताओं को सिर पर बैठाये पर यह जान लें कि वर्तमान में केवल राहुल जी ही ऐसे भारतीय नेता हैं जो देश को सही दिशा में आगे ले जा सकते हैं क्योंकि वे हिन्दू वोट के लालच में दंगों की याद दिलाकर उन्हें उकसाते नहीं हैं और न ही मुस्लिम समुदाय को धमकाने का प्रयास करते हैं
                               'श्रीमद्भगवत गीता''  को अपना प्रेरक ग्रन्थ बताने वाले राहुल जी के प्रति कोई पूर्वाग्रह न रखकर उनके साथ आयें व् कॉग्रेस पार्टी के हाथ मजबूत करें .१९ जून को राहुल जी के जन्म दिवस पर उन्हें हार्दिक  शुभकामनायें  प्रेषित  करती हूँ इन शब्दों में

     ''कंटक पथ पर नंगें पैर कठिन चुनौती हाथ
    मगर अकेले नहीं हो राहुल हिंदुस्तान तुम्हारे साथ ''

शिखा कौशिक 'नूतन '

शनिवार, 15 जून 2013

ग़मों को ठोकरें....मेरे वालिद ने अपना नाम दिया

 

मेरे  वालिद 
ग़मों को ठोकरें....मेरे वालिद ने अपना नाम दिया
ग़मों को ठोकरें मिटटी में मिला ही देती ,
मेरे वालिद ने आगे बढ़ के मुझे थाम लिया .

मुझे वजूद मिला एक नयी पहचान मिली ,
मेरे वालिद ने मुझे जबसे अपना नाम दिया .


मेरी नादानियों पर सख्त हो डांटा मुझको;
मेरे वालिद ने हरेक फ़र्ज़ को अंजाम दिया .

अपनी मजबूरियों को दिल में छुपाकर रखा ;
मेरे वालिद ने रोज़ ऐसा इम्तिहान दिया .

खुदा का शुक्र है जो मुझपे की रहमत ऐसी ;
मेरे वालिद के दिल में मेरे लिए प्यार दिया .
                                                          शिखा कौशिक 




बुधवार, 12 जून 2013

मोदी से उम्मीदें

मोदी से उम्मीदें 

Cinematographer
Film Industry.
Thane, India.


बीजेपी-

करामात  से पूर्ण बहुमत दिलायेंगें  .
सत्ता सुख चखवायेंगें   !!

जनता -

महगाई से छुटकारा दिलवाएंगें 
भ्रष्टाचार पर रोक लगायेंगें !

विपक्ष -

बीजेपी को डूबवायेंगें 
अल्पसंख्यक वोट हमें पड़वायेंगें   !

ब्लोगर -

नई नई पोस्ट लिखवायेंगें   
कमेन्ट खूब दिलवाएंगें !

गुजरातवासियों को -

दिल्ली में मुंह की खायेंगें   
लौट यही पर आयेंगें !


शिखा कौशिक 'नूतन '

मंगलवार, 11 जून 2013

'राजनैतिक फज़ीता गीत माला ''

lk advani cartoon,modi,rajnath singh cartoon,bjp,mysay.in  

[गूगल से साभार ]

                                          वैधानिक  घोषणा  
[यह साक्षात्कार  पूर्णत : काल्पनिक  है  .इसके  पात्र  के नाम व् स्थान सब काल्पनिक  हैं  .इनका किसी भी   राजनैतिक   पार्टी   [बीजेपी या आर.एस.एस  ]  से   कोई   सम्बन्ध  नहीं  है  ]

आर.जे.- आपके  अपने  एफ  एम् .चैनल  पर  आज  हमारे  साथ  हैं वयोवृद्ध  नेता  जी  भिड्वानी  जी  .स्वागत है आपका हमारे खास प्रोग्राम ''राजनैतिक फज़ीता गीत  माला '' में .भिड्वानी जी तो आप हमारे श्रोताओं को आज अपनी पसंद के टॉप फ़ाइव फज़ीता गीत कौन कौन से सुनवा रहे हैं और किसे डैडीकेट   कर रहे हैं इन्हें  ?

भिड्वानी जी -सबसे पहले आपका शुक्रिया की आपने मुझ जैसे भूले-बिसरे नेता को इस कार्यक्रम में बुलाया  ''जय श्री राम श्रोताओं '' .आज मैं जो पांच   'फज़ीता गीत' आपको  सुनवाने  वाला  हूँ  वे  इस तरह  हैं -

1-सबसे पहला  फज़ीता गीत डैडीकेट है  'गोभी  जी' को पूरे दुःख के साथ मुबारकबाद  देते  हुए -


''मुबारक हो तुमको समां ये सुहाना 
मैं खुश ? हूँ मेरे आसुओं पे न जाना 
मैं तो दीवाना दीवाना दीवाना .....'' 

2 -दूसरा  'फज़ीता गीत समर्पित  है ''नागनाथ  जी 'को -

"ऐसा जख्म दिया  है 
जो न फिर भरेगा 
हर हसीन ? चेहरे से अब ये दिल डरेगा "

3-तीसरा 'फज़ीता गीत '' समर्पित है 'ऊष्मा जी' को जो मुझे मनाने की बहुत कोशिश कर रही है -

''रूठे रब  को मनाना आसान है 
रूठे यार ? को मानना मुश्किल   है "

4 -चौथा ''फज़ीता गीत '' डैडी केट करना चाहूँगा ''केटली जी '' को  -

"तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं ,
गैर ? के दिल को सराहोगी तो मुश्किल होगी !"

5 -पांचवा व् अंतिम फज़ीता गीत मैं समर्पित करना चाहूँगा खुद को -

''ए दिल तुझे कसम है हिम्मत न हारना ,
दिन जिंदगी के जैसे भी गुजरें गुजारना ''

आर.जे -आप 'पटल जी ' के लिए कोई फज़ीता गीत '' सपर्पित नहीं करना चाहेंगें ?

भिड्वानी जी - हाँ हाँ .....
याद आ रही है तेरी याद आ रही है 
याद आने से तेरे जाने से 
तडपा रही है !

आर जे -बहुत बहुत शुक्रिया भिड्वानी जी !!............................श्रोताओं तो ये थे भिड्वानी जी .आपको ये कार्यक्रम कैसा लगा ? जल्द से जल्द एस.एम्.एस द्वारा हमें सूचित करें इस नंबर पर ''420 ''.

शिखा कौशिक 'नूतन ' 
  

शुक्रवार, 7 जून 2013

चुल्लू भर पानी में डूब मरो संजय पंचोली

                
पुरुष कितना स्वार्थी है ये हर वो हादसा साबित करता है जब कोई कली कुचल दी जाती है .वो गीतिका हो या जिया .जिया को आधुनिक नारी की संज्ञा देकर उसकी आत्म हत्या को आधुनिकता का दुष्परिणाम बताने वाले ये क्यों भूल जाते हैं कि उसकी मौत परिणाम है उस पुरुष की बेवफाई का  जिसने जब तक  चाहा उसकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया  और  जब दिल भर गया तब झूठ बोलकर उससे  किनारा  कर  लिया पर क्या जिया के लिए ये सब इतना ही आसान था ?संजय पंचोली हो या कोई और इन्हें तब तक जिया जैसी लड़कियों से कोई परेशानी नहीं होती जब   तक ये इन्हें हासिल नहीं कर लेते पर हासिल कर लेने के बाद यूज एंड थ्रो की नीति अपनाते हुए छल का सहारा लेने लगते हैं .जिया जैसी लडकिया इन्हें उदार पुरुष समझ कर इन्हें सब कुछ सौप देती हैं अपना .ऐसा आज ही नहीं होता ये सब पुरातन काल से होता आया है .पुरुष का छल दुष्यंत-शकुन्तला वृतांत में भी था और आज भी प्रचंड रूप में दृष्टिगोचर हो रहा है .आज बस मेरे ह्रदय से यही निकल रहा है -चुल्लू भर पानी में डूब मरो संजय पंचोली ...जिसने इतनी चुलबुली -जीवंत लड़की को आत्महत्या के लिए मजबूर कर डाला ....तुम से सौ गुना वफादार तो जिया का एक फैन निकला जिसने जिया की मौत पर खुद फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली .

शिखा कौशिक 'नूतन '

बुधवार, 5 जून 2013

क्या बुराई है 'बहन जी ''टाइप दिखने में ?क्या है बहनजी फोबिया ?

Kareena with a mission in Satyagraha

मैंने प्रकाश झा से कहा था कि मुझे बहन जी टाइप मत
 बनाना।क्यों कहा करीना ने ऐसा ?

  बहन  जी फोबिया  आखिर  क्या  है  -

जब  कोई पुरुष  सड़क पर या किसी अन्य जगह पर  किसी महिला को संबोधित करते हुए कहता है -बहन जी और महिला को महसूस होता है कि ये उसकी सुन्दरता -स्मार्टनेस को कलंकित करने जैसा है तब उसे बहन जी फोबिया का शिकार  कहा जा सकता  है .

बहन जी फोबिया का शिकार आयु-वर्ग-

इस आयु वर्ग में १५ वर्ष से ६५ वर्ष तक की महिला को रखा जा सकता है .

क्या है कारण  इस फोबिया का -

अक्सर हम देखते हैं कि अभिनेत्रियाँ उम्र बढ़ जाने पर भी मेक अप के माध्यम से कम उम्र का दिखना चाहती हैं अमूमन ऐसी ही स्थिति कुछ आम महिलाओं की भी है .'बहन जी ' कहे जाने पर उनको एतराज इसलिए भी हो सकता है कि उन्हें महसूस होता उनका आकर्षण कम हो रहा है और पुरुष वर्ग उनकी खिल्ली उड़ा रहा है .

बहन जी फोबिया से बचने के लिए क्या उपाय करती हैं -

आजकल यह प्रचलन है कि शादीशुदा महिलाये भी साड़ी व् परम्परागत स्त्री वस्त्रों की जगह कम उम्र की दिखने के लिए जींस-टीशर्ट पहनना पसंद कर रही हैं .दूर से दिखने पर वे स्कूल गर्ल नज़र आती हैं और पास पहुँचने पर स्कूल गर्ल की माता जी .बस उदेश्य एक ही कोई उन्हें 'बहन जी ' न कह दे .मैडम कहलाना वे सर्वाधिक पसंद करती हैं और अब तो उनके बच्चे भी अपनी मॉम को आधुनिक परिधानों में देखना पसंद करते हैं .

कैसे बचें इस बहन जी फोबिया से ?

महिलाओं को चाहिए कि 'बहन जी ' कहे जाने पर गौरवान्वित महसूस करें .वर्तमान में जब लोग अपनी बहन तक का लिहाज़ नहीं करते तब कोई पुरुष जब आपको बहन का दर्ज़ा दे रहा है तब आपको शुक्रगुज़ार होना चाहिए उसका .साथ ही बहन जी का दर्ज़ा देने वाला पुरुष आपके प्रति गलत धारणा नहीं रखेगा -इस विचार को मस्तिष्क में स्थान दे .आप ऐसे सज्जनों का दिल से सम्मान करें .यदि कोई चिढाने के लिए भी ऐसा कर रहा है तो भी आपका तो सम्मान ही है .बहन का दर्ज़ा आकर्षण का केंद्र बनने वाली स्त्री से कहीं ऊपर है .

शिखा कौशिक 'नूतन '



ऑनर किलिंग व् पुत्री धर्म

Sita : Goddess Sita Stock Photo
ऑनर किलिंग व् पुत्री धर्म 

आज भारतीय समाज 'ऑनर  किलिंग ' जैसे स्त्री विरूद्ध अपराध से आक्रांत दिखाई दे रहा है .वैश्विक जीवन मूल्यों  से प्रभावित होते भारतीय सामाजिक-पारिवारिक मूल्यों ने एक विचित्र   स्थिति को जन्म दे दिया है .आज पिता -पुत्री व् बहन -भाई के पारस्परिक स्नेहमयी संबंधों में दरार सी आई प्रतीत होती है .परिवर्तन के इस दौर में पुन:-पुन:पिता व् भ्राताओं के पुत्री व् भगिनी के प्रति कर्तव्यों  पर तो विचार की मांग उठती रहती है किन्तु पुत्री व् बहन के कर्तव्यों व् आचरण का भी इस सन्दर्भ में अवलोकन कर लेना अनिवार्य हो जाता है .गत वर्ष घटित एक घटना में एक पुत्री अपने प्रेमी के साथ घर से भाग गयी जिसके परिणाम  स्वरुप उसके पिता ने जहर खा लिया .क्या पुत्री का धर्म  यही है कि वो अपने हित -चिंतन में अपने पिता की भावनाओं को स्वाहा कर दे ? एक अन्य घटना क्रम में एक पुत्री ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर माता -पिता की हत्या कर दी .उसका एकलौता भाई किसी तरह बच गया .धिक्कार है ऐसी पुत्रियों पर !संयम- अनुशासन जैसे गुण कहाँ लुप्त हो गए हमारी पुत्रियों में से ?
                          भ्रमित व् स्वार्थी पुत्रियों को जानना चाहिए कि वे उस देश में पैदा हुई हैं जिसका इतिहास पुत्रियों के उज्जवल चरित्रों से भरा पड़ा है .राजा कुशनाभ की घृताची अप्सरा  के गर्भ से जन्मी सौ कन्याओं की पितृ-भक्ति वन्दनीय है और असंयमित होती आज की पीढ़ी की बेटियां इससे पुत्री-धर्म की शिक्षा ले सकती हैं . राजा कुशनाभ की अत्यंत सुन्दर अंगों वाली पुत्रियाँ एक दिन उद्यान भूमि में गति ,नृत्य करती आनंद मग्न हो रही थी तब उनके रूप-यौवन पर आसक्त होकर वायु देवता ने उनसे कहा -
''अहम् ...            ...भविष्यत ''-[श्लोक-१६-१७ ,पृष्ठ ९६ ,बाल कांड त्रियस्त्रिश: सर्ग :-श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण ]  
 [अर्थात-सुन्दरियों मैं तुम सबको अपनी प्रेयसी के रूप में प्राप्त करना चाहता हूँ !तुम सब मेरी भार्यएं बनोगी .अब मनुष्य भाव का त्याग करो और मुझे अंगीकार करके देवांगनाओं  की भांति दीर्घ आयु प्राप्त कर लो .विशेषतः मानव शरीर में यौवन कभी स्थिर नहीं रहता -प्रतिक्षण क्षीण होता जाता है .मेरे साथ सम्बन्ध हो जाने से तुम लोग अक्षय यौवन प्राप्त करके अमर हो जाओगी !]  
वायु देव के इस प्रस्ताव को सुनकर पतिर -भक्त  कुशनाभ कन्याओं का यह  प्रतिउत्तर  भारतीय  संस्कृति में पुत्रियों को दिए गए संस्कारों  को प्रदर्शित करते हैं -यथा -
''माँ भूत स  कालो  .....नो  भर्ता भविष्यति ''  [21-22 श्लोक  उपरोक्त ]
[दुर्मते ! वह समय कभी न आवे जब कि हम अपने सत्यवादी पिता की अवहेलना करके कामवश या अत्यंत अधर्मपूर्वक स्वयं ही वर  ढूँढने लगें .हम लोगों पर हमारे पिता जी का प्रभुत्व है , वे हमारे लिए सर्वश्रेष्ठ देवता हैं .पिता जी हमें  जिसके हाथ में दे देंगे ,वही हमारा पति होगा ]
ऐसी पितृ भक्त कन्याओं को जब वायुदेव ने कुपित होकर उनके भीतर प्रवेश कर उनके अंगों  को टेढ़ा कर कुबड़ी बना दिया तब पिता कुशनाभ द्वारा चयनित ऐश्वर्यशाली तेजस्वी वर ब्रह्मदत्त के साथ विवाहकाल में हाथ के स्पर्श होते ही सभी कन्यायें कुब्जत्व दोष से रहित ,निरोग तथा उत्तम शोभा से संपन्न हुई .    
कुल की मर्यादा को अपने काम भाव से ऊपर स्थान देने वाली कुशनाभ कन्याओं ने पुत्री-धर्म  का जो उदाहरण प्रस्तुत किया वह वर्तमान में कितना प्रासंगिक हो उठा है .आज यदि पुत्री-धर्म की शिक्षा कन्याओं को शिशु काल से ही प्रदान की जाये तो भारतीय समाज को देश व् कुल का मन बढ़ने वाली पुत्रियाँ प्राप्त हो सकेंगी .
                                            माता सीता की पितृ भक्ति सर्वविदित है .राजा जनक ने निश्चय  किया था कि-
''वीर्य शुल्केती ........मुनिपुङ्गव '' [श्लोक १३ ,बाल कांड, पृष्ठ १५५ षटपष्टितम: सर्ग :]
[अपनी इस अयोनिजा (सीता)कन्या के विषय में मैंने यह निश्चय किया है कि जो अपने पराक्रम से इस धनुष को चढ़ा देगा ,उसी के साथ मैं इसका ब्याह करूंगा .इस तरह इसे वीर्य शुल्क (  पराक्रम शुल्क वाली ) बनाकर अपने घर में रख छोड़ा .मुनि श्रेष्ठ ! भूतल से प्रकट होकर दिनों-दिन बढ़ने वाली मेरी पुत्री सीता को कई राजाओ ने यहाँ आकर माँगा ]   
  माता सीता ने पिता द्वारा निर्धारित पराक्रम शुल्क अर्थात परम प्रकाशमान शिव जी के धनुष पर प्रत्यन्चा चढ़ा देने वाले अयोध्या के राजकुमार श्रीराम को ही वरमाला पहनाई .यद्यपि माता सीता पुष्प वाटिका में श्रीराम के दर्शन कर उन पर मुग्ध हो गयी थी किन्तु वे यह भी जानती थी कि पिता का निश्चय उनकी भावनाओं से ऊपर है .इसीलिए   श्रीराम को वर के रूप में प्राप्त करने की इच्छा वे जिह्वा पर नहीं लाती और गौरी पूजन के समय मात्र इतना ही वर मांगती हैं -
''मोर मनोरथु जानहु नीके ,बसहु सदा उर पुर सबहि के ,
कीन्हेउ प्रगट न कारन तेहि ,अस कही चरण गहे वैदेही !''[श्रीरामचरितमानस ,बाल कांड ,पृष्ठ -२१९]
माता सीता श्री राम को वर रूप में प्राप्त करना चाहती हैं पर तभी जब वे उनके पिता द्वारा किये गए निश्चय को पूरा करें .यही कारण है कि वे सब ह्रदय में निवास करने वाली माता गौरी से अपनी मनोकामना नहीं  प्रकट करती क्योंकि माता गौरी तो उनके ह्रदय की कामना को भली -भांति जानती ही हैं .पिता के प्रण को अपनी मनोकामना से ऊपर स्थान देने वाली माता सीता इसीलिए जगत में जनकनंदनी ,जानकी ,जनकसुता और वैदेही के नाम से प्रसिद्द हुई .पुत्री धर्म का पालन करने वाली महान माता सीता के समक्ष जब आज की पिता को धोखा  देकर  भाग  जाने  वाली पुत्री को खड़ा करते  हैं तब सिर  शर्म  से झुक जाता है .
                                             तपस्विनी कन्या वेदवती की पितृ भक्ति के आगे कौन जन नतमस्तक न होगा ?रावण द्वारा उनका परिचय पूछे जाने पर वे कहती हैं -
''कुशध्वज  जो ........राक्षस पुंगव्  '' [श्लोक ८-१७ ,उत्तरकांडे पृष्ठ -६४३ ,सप्तदश: सर्ग:] 
[अमित तेजस्वी ब्रह्म ऋषि श्रीमान कुशध्वज मेरे पिता थे , जो ब्रहस्पति के पुत्र थे और बुद्धि में भी उन्ही के समान माने जाते थे .प्रति दिन वेदाभ्यास करने वाले उन महात्मा पिता से वांगमयी   कन्या के रूप में मेरा प्रादुर्भाव हुआ था .मेरा नाम वेदवती है .जब मैं बड़ी हुई तब देवता ,गन्धर्व ,राक्षस और नाग भी पिता जी के पास आकर उनसे मुझे मांगने लगे .राक्षसेश्वर ! मेरे पिता जी ने उनके हाथ में मुझे नहीं सौपा .इसका कारण क्या था ? मैं बता रही हूँ ...सुनिए  -पिता जी की इच्छा थी कि तीनों लोकों के स्वामी देवेश्वर भगवान् विष्णु मेरे दामाद बने .इसीलिए वे दूसरे किसी के हाथ में मुझे नहीं देना चाहते थे .उनके इस अभिप्राय को सुनकर बलाभिमानी दैत्यराज शम्भू उन पर कुपित हो उठा और उस पापी ने रात में सोते समय मेरे पिता की हत्या कर दी .   इससे मेरी महाभागा माता को बड़ा दुःख हुआ और वे पिता जी के शव को ह्रदय से लगाकर चिता की आग में प्रविष्ट हो गयी .तबसे मैंने प्रतिज्ञा कर ली है कि भगवान नारायण के प्रति पिता जी का जो मनोरथ था उसे सफल करूंगी .इसीलिए मैं उन्ही को अपने ह्रदय मंदिर में धारण करती हूँ .यही प्रतिज्ञा करके मैं ये महान तप कर रही हूँ ]
रावण के द्वारा कामवश अपने केश पकडे जाने पर वेदवती क्रोधित होकर अग्नि में समाने के लिए तत्पर होकर यही कहती हैं -
'यदि ...सुता '[उत्तर कांड   ,अष्टादश:सर्ग: .पृष्ठ ६४५ ,श्लोक ३३ ]
[यदि मैंने कुछ भी सत्कर्म ,दान और होम किये हो तो अगले जन्म में मैं सती-साध्वी अयोनिजा कन्या के रूप में प्रकट होऊं तथा किसी धर्मात्मा पिता की पुत्री बनू ]
यही वेदवती अगले जन्म में राजा जनक की पुत्री सीता  के रूप में जानी गयी .पिता के प्रण को प्राण चुकाकर  भी देवी वेदवती ने भंग न होने दिया और अगले जन्म में सनातन विष्णु अवतार श्रीराम को पति रूप में पाया .
ऐसी उज्जवल चरित्र वाली पुत्रियों की भूमि भारत में आज जब कुछ पुत्रियाँ अमर्यादित आचरण कर पिता की भावनाओं को रौंदती हुई कामोन्माद में घरों से भाग रही हैं तब यह जरूरी हो जाता है कि भारतीय समाज अपने परिवारों में दिए जाने वाले संस्कारों पर ध्यान दें क्योंकि शिशु तो अनुसरण से सीखता है .पुत्रियों को पुत्री धर्म की शिक्षा दें ताकि आने वाली पीढ़िया उनके उज्जवल चरित्रों से शिक्षा लेकर कुल व् देश का गौरव बढ़ाएं तथा ''ऑनर किलिंग' जैसे स्त्री विरूद्ध अपराधों पर भी इसी तरह  रोक लगायी जा सकती हैं .

शिखा कौशिक 'नूतन